बदल सकती है इंसानों के पूर्वजों की कहानी, दक्षिण अफ्रीका की गुफाओं में मिला ऐसा 'खजाना'

वैज्ञानिकों ने अक्‍सर कहा है कि पूर्वी अफ्रीका की ऑस्ट्रेलोपिथेकस प्रजाति जैसे कि लूसी ही इंसानों की सबसे पुरानी प्रजाति है।

Update: 2022-07-05 06:13 GMT

केपटाउन: इंसानी सभ्‍यता का विकास कैसे हुआ, ये हमेशा से एक चर्चा का विषय रहा है। लोग हमेशा से इस बारे में जानने को बेकरार रहते हैं। दक्षिण अफ्रीका से इस समय जो खबरें आ रही हैं उसके बाद अंदाजा लगाया जा रहा है कि अब इंसानी सभ्‍यता का नया इतिहास लिखा जा सकेगा। देश स्‍ट्रेकफोनटेन गुफाओं में कुछ जीवाश्‍म मिले हैं और इन जीवाश्‍मों के बाद से नए सिरे से विशेषज्ञ सभ्‍यता के विकास पर विचार करने लगे हैं। एक नई रिसर्च के मुताबिक ये जीवाश्‍म ही इंसानों के विकास की वजह बने हैं। ये जीवाश्‍म 30 से 40 लाख साल पुराने बताए जा रहे हैं। वैज्ञानिक मान रहे हैं कि जीवाश्‍म मानव विकास के इतिहास की नई कड़ी लिखेंगे। वैज्ञानिकों ने 32 लाख साल पुराना लूसी प्रजाति का जीवाश्‍म बताया है और इसे इंसानों का पूर्वज माना जाता है।

इस प्रजाति के हैं इंसान
वर्तमान में इंसानों की कड़ी में होमो सैपियंस ही अकेले बचे मानव हैं। पहले हुई कई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि होमो के पूर्वजों में अग्रणी उम्‍मीदवार शायद ऑस्ट्रेलोपिथेकस जाति का था जो 4.1 मिलियन साल से 2.9 मिलियन साल तक जिंदा रहा था। ऑस्ट्रेलोपिथेकस, यानी दक्षिणी बंदर जिसमें लूसी प्रजाति भी आती है।
साल 1974 में इथियोपिया में लूसी का पता चला था। उसकी हड्डियों को दुनिया की सबसे पुरानी हड्डियों के तौर पर करार दिया गया था। प्राचीन इंसानों का ये सबसे पुराना और पूर्ण कंकाल था जिसमें इंसान शामिल थे और ये प्रजाति जानवरों की तुलना में इंसानों के सबसे करीब थी।
वैज्ञानिक हो जाते हैं हैरान
दक्षिण अफ्रीका की जिन गुफाओं में ऑस्ट्रेलोपिथेकस जीवाश्‍म का पता चला है, उसे इंसानों की उत्‍पत्ति की जगह माना जाता है। ये जगह उस समय मशहूर हो गई थी जब यहां पर साल 1936 में एक व्‍यस्‍क ऑस्ट्रेलोपिथेकस का पता लगा था। कई दशकों बाद यहीं फिर से वैज्ञानिकों को जीवाश्‍म मिले थे जिसे ऑस्ट्रेलोपिथेकस प्रजाति का बताया गया था।
हालांकि वैज्ञानिकों का कहना था कि ये जीवाश्‍म 2.1 मिलियन से 2.6 मिलियन साल के समय के हैं और बहुत ज्‍यादा पुराने नहीं हैं। इससे अलग इथियोपिया में सबसे पुराना इंसानी जीवाश्‍म मिला था जो करीब 2.8 मिलियन साल पुराना था। वैज्ञानिकों ने अक्‍सर कहा है कि पूर्वी अफ्रीका की ऑस्ट्रेलोपिथेकस प्रजाति जैसे कि लूसी ही इंसानों की सबसे पुरानी प्रजाति है।

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