इन 3 कारणों से बढ़ रही है युवा आबादी में हार्ट अटैक का खतरा

फिटनेस इस नई दुनिया का सबसे ज्यादा लोकप्रिय ट्रेंड है। हम सभी फिट रहना चाहते हैं और इसके लिए अलग-अलग तरीकों को अपनाते हैं।

Update: 2022-08-18 12:13 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।     फिटनेस इस नई दुनिया का सबसे ज्यादा लोकप्रिय ट्रेंड है। हम सभी फिट रहना चाहते हैं और इसके लिए अलग-अलग तरीकों को अपनाते हैं। बहुत सारे लोग एक-दूसरे को जिम जाने के लिए प्रेरित करते हैं। आखिरकार यहीं से आपकी अपनी फिटनेस जर्नी की शुरुआत होती है। मगर जब हम सिद्धार्थ शुक्ला (40 वर्ष), सुपरस्टार पुनीत राजकुमार (46 वर्ष) और स्टैंड-अप कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव को पिछले हफ्ते जिम में ट्रेडमिल पर दिल का दौरा पड़ने की खबर सुनते हैं, तो हम बार – बार इस बात पर सोचने के लिए मजबूर हो जाते हैं कि क्या हर रोज जिम जाने वाले, ये फिटनेस फ्रीक्स भी हृदय संबंधी बीमारियों की गिरफ्त में आ कसते हैं? आइए जानें क्या हैं वे कारण, जिनसे युवा आबादी हृदय आघात की शिकार हो रही है।


पहले, दिल के दौरे को उम्र बढ़ने की बीमारी के रूप में जाना जाता था और आमतौर पर 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग इसके शिकार होते थे। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में, खासतौर से कोविड-19 के बाद स्थिति बदली है और अब युवा आबादी इसका शिकार हो रही है। हालांकि यह भी सच है कि लोग बाहर से भले ही फिट दिखते हों, लेकिन आपके शरीर के अंदर कुछ ऐसी बीमारियां हो सकती हैं जिनसे आप पूरी तरह अनजान हैं।

इन सेलेब्रिटीज को जिम के दौरान या जिम जाने के बाद ही दिल का दौर पड़ा था। इतना ही नहीं, इन लोगों में पहले से दिल की कोई भी समस्या नहीं थी। हार्ट अटैक जैसी घातक समस्या से बचने के लिए जरूरी है कि हम उन सभी कारणों की पड़ताल करें, जो इसके जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
मेयो क्लीनिक के अनुसार ये 3 कारण युवा आबादी के लिए बढ़ा रहे हैं हार्ट अटैक का जोखिम
1 तनाव
ऐसे कई कारक हैं जो युवा आबादी में कार्डियक अरेस्ट या दिल के दौरे का कारण बनते हैं। इनमें सबसे प्रमुख तनाव है, जो उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल, अनिद्रा, खराब खान-पान और स्वस्थ जीवन शैली का पालन न करने जैसे मुद्दों को ट्रिगर करता है।

2 वर्क फ्रॉम होम और खराब जीवनशैली
कोविड-19 लॉकडाउन और वर्क फ्रॉम होम से पहले, अधिकांश लोग अपने कार्यालयों की यात्रा करते थे और बहुत सारे स्थानों पर जाते थे। इसलिए शरीर की गति सक्रिय थी। महामारी की चपेट में आने के बाद, सभी की सक्रिय दिनचर्या बंद हो गई और अब यह सुस्त जीवनशैली है, जिसे युवा दिन भर कंप्यूटर और फिर टीवी के सामने बैठे रहते हैं।
3 दिल की बीमारियों का इतिहास
साथ ही, जब आपके परिवार में दिल की बीमारियों का इतिहास रहा हो, तो आपको अपनी जीवनशैली में अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है। इसलिए एक स्वस्थ आहार बनाए रखना और एक सीमा में व्यायाम करना बहुत ज़रूरी है।
तो क्या कुछ ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि कब आपको एक्सरसाइज़ नहीं करनी चाहिए?
यदि किसी व्यक्ति को व्यायाम करते समय चक्कर या सिर में हल्कापन महसूस होता है, तो उसे तुरंत रुक जाना चाहिए।

अगर आप उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं, तो पहले अपने बीपी को नियंत्रित करें, और उसके बाद ही व्यायाम की शुरुआत करें।

यदि आपके पास दिल के दौरे का पारिवारिक इतिहास है, तो समय – समय पर अपना ईसीजी करवाएं।

अगर आपको सीने में तकलीफ है या सांस लेने में तकलीफ है, तो अपनी जांच करवाएं।

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