यूरिक एसिड के घटने से होती है हाइपोरिसीमिया की समस्या

हमारे शरीर में यूरिक एसिड का लेवल कम या ज़्यादा होना हमारी लाइफस्टाइल पर निर्भर करता है

Update: 2022-07-08 13:29 GMT

हमारे शरीर में यूरिक एसिड का लेवल कम या ज़्यादा होना हमारी लाइफस्टाइल पर निर्भर करता है. अगर हमारी लाइफस्टाइल या खाने-पीने से जुड़ी आदतें ठीक नहीं रहेंगी, तो यूरिक एसिड हमारे ब्लड में कम या ज़्यादा हो सकता है. पुरुषों में यूरिक एसिड लेवल 2.5 – 7.0 mg/dL होता है. वहीं महिलाओं में इसका लेवल 1.5 – 6.0 mg/dL होता है. डॉक्टर देबव्रता मुखर्जी, मैक्स हॉस्पिटल गुडगांव, डायरेक्टर नेफ्रोलॉजी एंड रिनल के मुताबिक जब यह लेवल इससे कम हो जाता है, तो इस अवस्था को हाइपोरिसीमिया  कहा जाता है.

हाइपोरिसीमिया की स्थिति में व्यक्ति को यूरिन बहुत कम या बिल्कुल नहीं होता. ऐसे में ब्लड स्ट्रीम में टॉक्सिंस बढ़ने लगते हैं. इस बीमारी की शुरुआत में कोई लक्षण नहीं दिखाई देते. कई बार अंडरलाइंग कंडीशन या ज़रूरत से अधिक मेडिकेशन लो यूरिक एसिड का कारण है.
क्या है यूरिक एसिड
दरअसल यूरिक एसिड शरीर के टॉक्सिंस होते हैं. कई बार यह जोड़ों और टिश्यू में जम जाता है, जिसकी वजह से शरीर में कई तरह की समस्याएं शुरू हो जाती हैं, जिनमें गठिया जैसी समस्याएं शामिल हैं. वैसे तो यूरिक एसिड लेवल का घटना काफी कम ही देखने को मिलता है, लेकिन इस लेवल के घटने से बहुत सी शारीरिक स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है, जिनमें
– कई बार दिमाग से जुड़ी समस्याएं भी यूरिक एसिड लेवल के घटने से साथ जुड़ा हुआ हो सकता है. इनमें पार्किनसन, अल्जाइमर जैसे रोग शामिल हैं.
– यूरिक एसिड लेवल के कम होने से शरीर में एंटी -ऑक्सीडेंट्स का प्रभाव कम देखने को मिलता है. इसकी वजह से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है.
– यह लेवल सामान्य से कम होने पर दिल की बीमारियों का खतरा भी अधिक हो जाता है.
– लो यूरिक एसिड लेवल से व्यक्ति को बार-बार पेशाब करने की यूरिन पास करने की ज़रूरत महसूस होती है. हालांकि हर बात यूरिन बेहद कम मात्रा में शरीर से बाहर आता है.
– यूरिक एसिड लेवल में आए बदलाव की वजह से डिहाइड्रेशन की समस्या भी देखने को मिल सकती है.
– अगर व्यक्ति को यूरिन संबंधी परेशानियां दिख रही हैं ,तो एक्सपर्ट की सलाह लेना बेहद ज़रूरी है, जिससे समय पर इलाज शुरू हो सके


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