प्रेग्नेंसी में डॉक्टर की लें सालाह, हर परेशानी का हो जाता है हल
प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में सब ठीक लगता है,
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में सब ठीक लगता है, लेकिन बाद में यही उत्साह धीरे-धीरे कम होने लगता है। इस समय आप ऐसे व्यक्ति का साथ चाहते हैं, जो आपको इमोशनल सपोर्ट दे सके। और, मां के अलावा ऐसा कौन हो सकता है, जो आपके नाज-नखरे उठाए। प्रेग्नेंसी में मां साथ हो तो छोटी-छोटी बात पर आप परेशान नहीं होते हैं। आपको मार्गदर्शन देने के लिए वो हमेशा आपके पास होती है। आखिर क्यों प्रेग्नेंसी में मां की जरूरत महसूस होती। आइए जानते हैं।हर कोई चाहता है कि प्रेग्नेंसी में पति साथ रहे, लेकिन कई बार ऐसा मुमकिन नहीं हो पाता है। हसबैंड को ऑफिस के कई काम होते हैं। इन कठिन दिनों में केवल मां है जोइस कमी को पूरा कर पाती है।
प्यार-दुलार के साथ वो आपको मां बनने के लिए मानसिक रूप से तैयार करने में मदद करती है। यहां तक कि मां से आप वो हर वो बात शेयर कर सकते हैं, जो किसी से नहीं कर सकते।
ज्यादातर कपल न्यूक्लियर फैमिली में रहते हैं। ऐसे में कोई ऊंच-नीच हो जाये तो कोई समझने वाला भी नहीं होता है। मां होती है तो आपकी प्रेग्नेंसी, डर और घबराहट के साथ नहीं गुजरती है। वो आपका मार्गदर्शन करती रहती है।
यदि आपकी मां आपके साथ है तो आपको किसी भी प्रकार की परामर्श की आवश्यकता नहीं है। एक बार जब आप उससे अपने डर के बारे में बात करेंगे तो वह आपको सर्वोत्तम तरीके से मार्गदर्शन देगी।
प्रेग्नेंसी में अक्सर चटपटा तो कभी मीठा खाने की क्रेविंग होती है। ऐसे में अपने या कुक के हाथ खाना बोरिंग लगता है। मां आपका फेवरेट खाना बना-बनाकर खिलाती है। बस आपको एक बार बोलने की देर है। सोचिये इतना सब कुछ न तो सास कर पाती है और न ही हसबैंड।
मां इस वक्त बहुत बड़ा इमोशनल सपोर्टर होती है। जब भी समय मिले आप उनसे उनकी प्रेग्नेंसी के किस्से सुनिए। यकीनन आपकी हिम्मत बढ़ेगी। आप मां और खुद की प्रेग्नेंसी को कनेक्ट कर सकते हैं। जब भी आराम का मूड हो तो उनकी गोद में सिर रखकर लेट सकते हो।
मूड स्विंग्स, उल्टी या फिर खाने में कोई परेशानी हो तो मां उसका समाधान निकाल सकती है। उसे पता रहता है कि इस वक्त क्या करना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान, आप एक पल में बहुत खुश हो जाती हैं और अगले ही पल तनाव में आ जाती हैं। आपकी मां आपके सभी मूड को ट्रिगर कर देगी और आपकी गर्भावस्था को सुचारू रूप से आगे बढ़ाने में मदद करेगी।
कोई भी आपकी मां के महत्व को कम नही कर सकता है। प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में आपकी मां आपके पास होती है तो आपको लगता है कि आप सुरक्षित हाथों में हैं।
वह हर चिंता और आशंका को सही लॉजिक के साथ शांत कर डेट है। जब आपकी मां आपके साथ होती है तो आप वास्तव में अपनी प्रेग्नेंसी को संभालना सीख जाती हैं। आपको उसके निर्णयों पर कभी संदेह नहीं होगा। आप 24 घंटे आराम महसूस करेंगे।
मां एनर्जी बूस्टर का काम करती है। मां की इस उम्र में एनर्जी देखकर आप आलस नही करेंगे। वो आपको टोकने और समझने के लिये होगी। आप उनके साथ वॉक पर जा सकती हैं। उनके साथ कैरम खेल सकती हैं। फिर देखिये आपकी प्रेग्नेंसी कितने आराम से गुजरती है।