डायबिटीज यानी शुगर, इन दिनों सामान्य बीमारी बन चुकी है, पहले जहां व्यस्क लोगों और बुजुर्गों में ये समस्या देखने को मिलती थी वहीं अब बच्चें भी डायबिटीज का शिकार होने लगे हैं। हालांकि आमतौर पर लोगों को बच्चों में ऐसी समस्या का अंदेशा नहीं होता है, ऐसे में समय रहते ही इसका पहचान ना हो पाने के कारण इसका उपचार भी नहीं हो पाता है, जिसकी वजह से बाद में ये समस्या गम्भीर रूप ले लेती है। इसलिए जरूरी है बच्चों में भी इसके लक्षणों की पहचान समय पर की जाए और उसके अनुसार जरूरी इलाज कराया जाए । आज हम आपको बच्चों में दिखने वाले उन लक्षणों के बारे में बताने जो जा रहे हैं जो कि डायबिटीज की तरफ इशारा करते हैं..
दरअसल, जब बॉडी के अंदर बीटा-कोशिकाओं का निर्माण कम होने के कारण शरीर में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है, तो इसके कारण शुगर लेवल बढ़ने लगता है, जिसे डायबिटीज के रूप में जानते हैं। डायबिटीज की बीमारी इतनी ज्यादा घातक है कि इसकी वजह से बच्चों की आंखों और किडनियों पर भी बुरा असर पड सकता है। इसलिए समय रहते ही इसकी पहचान करना बेहद जरूरी है तो चलिए जानते हैं उन लक्षणों के बारे में जिनसे बच्चों में मधुमेह की पहचान की जा सकती है..
दरअसल जब बच्चों के शरीर में शुगर लेवल बढ जाती है तो उसकी वजह से उन्हे काफी प्यास लगती है , ऐसे में उनकी इच्छा पानी पीने के साथ कोल्ड ड्रिंक पीने की भी होती है।इसलिए अगर आपका बच्चे को बार-बार प्यास लग रही है और वो पानी या कोल्ड ड्रिंक की डिमांड कर रहा है तो एक बार बच्चे का शुगर लेवल की जांच जरूर करवां ले।
जब बच्चे को अधिक प्यास लगेगी और ज्यादा मात्रा में पानी पीएगा तो जाहिर सी बात है कि उसे पेशाब भी बार बार लगेगी। ऐसे में हर मां-बाप को इस बारे में चौकन्ना रहना चाहिये।
डायबिटीज होने की स्थिति में बच्चे को बहुत अधिक भूख भी लगती है, इसलिए अगर आपके बच्चे की भूख सामान्य से अधिक दिख रही है तो हो सकता है कि उसे डायबिटीज की प्रॉब्लम हो।
वहीं डायबिटीज से पीडित बच्चों में इंसुलिन नहीं बनता है, ऐसे में उनकी ऊर्जा भी जल्दी खत्म हो जाती है और वो हमेशा थके हारे दिखते हैं। इसलिए अगर आपका बच्चा थोड़ा बहुत भाग-दौड़ और खेलने से ही थक जाता है तो आपको उसके शुगर की जांच करवा लेनी चाहिए।
डायबिटीज की वजह से छोटे बच्चों में ईस्ट संक्रमण भी हो सकता है।ऐसे में जो शिशु डायपर पहनते हैं ईस्ट की वजह से उन्हे घाव हो सकते हैं।
डायबिटीज से पीड़ित बच्चा कितना भी खाना खा ले, पर उसका वजन बढ़ने की बजाए कम होता है। डायबिटीज से ग्रस्त बच्चों का ये सबसे सामान्य लक्षण है।
पैरेंट्स इन बातों का ध्यान
ऐसे में अगर आप अपने बच्चे में इन लक्षणों को शुरुआत दौर में ही पहचान लेते हैं, तो आपका बच्चा जल्द ही इस समस्या से मुक्त हो सकता है। दरअसल डायबिटीज में देखभाल और परहेज की खास जरूरत होती है। इसलिए डायबिटीज की पहचान होने के बाद समय-समय पर बच्चे का ब्लड शुगर टेस्ट करवाएं और उसके अनुसार इंसुलिन दिलवाते रहें। साथ ही डायबिटीज में बच्चों को समय से खाना जरूर खिलाएं और उनकी पौष्टिक आहार ही शामिल करें।इसके अलवा बच्चों को नियमित रूप से व्यायाम भी जरूर कराएं।