कंप्यूटर के आगे बैठा रहता है या ऑनलाइन पढ़ाई से कुछ सिख रहा बच्चा, जानें पेरेंट्स ऐसे करें चेक
कोरोना के चक्कर में ब्लैकबोर्ड की जगह लैपटॉप और कंप्यूटर स्क्रीन ने ले ली है।
कोरोना के चक्कर में ब्लैकबोर्ड की जगह लैपटॉप और कंप्यूटर स्क्रीन ने ले ली है। बच्चों के साथ-साथ पेरेंट्स के लिए भी ये ऑनलाइल लर्निंग नई है। पिछले कुछ महीनों से पढ़ाई का यही पैटर्न चल रहा है। फिलहाल तो किसी को ये भी नहीं पता कि स्कूल कब खुलेंगे और बच्चे कब पहले की तरह नॉर्मल तरीके से अपनी पढ़ाई कर पाएंगे। ऐसे में ऑनलाइन क्लासेस ही बच्चों के भविष्य का आधार बना हुआ है।
वर्चुअल एजुकेशन से काफी कुछ बदल गया है। क्लासरूम में पहले जहां एक-एक बच्चे को पर्सनली टेस्ट किया जाता था, वहीं ऑनलाइन लर्निंग में ये सब बदल गया है। बच्चे के शुरुआती सालों में लर्निंग बहुत जरूरी होती है और पेरेंट्स को यह समझना चाहिए कि बच्चे ऑनलाइन कितना सीख रहे हैं या कुछ उनकी समझ में आ भी रहा है या नहीं। आगे हम जानेंगे कि ऑनलाइन क्लास ले रहे बच्चों से कैसे जानें कि वो कुछ सीख भी रहे हैं या नहीं।
बच्चे का टेस्ट लें
आप घर के कामों से भी बच्चे का टेस्ट ले सकते हैं। जैसे कि किचन में खाना बनाते समय उससे जोड़ या घटा का कोई सवाल पूछ लें और इंग्लिश में बात करते समय उसकी ग्रामर का टेस्ट ले सकते हैं। आप कुछ गलत बोलें और देखें कि आपका बच्चा उसे ठीक करता है या नहीं।
बातचीत है जरूरी
ऑनलाइन क्लास से बच्चे की परफॉर्मेंस को बेहतर करने का सबसे सही और आसान तरीका है बच्चे से बात करना। रात को खाना खाते समय या शाम को बालकनी में बैठकर बच्चे से बात करें। उसे अपने स्कूल के दिनों के बारे में बताएं। जब आप बच्चे को अपनी पढ़ाई के बारे में बताएंगे या उससे खुलकर बात करेंगे, तो उसका दिल भी आपसे बात करने के लिए खुलेगा।
आपके बात करने पर बच्चा भी बताएगा कि उसकी क्लास में क्या हुआ और उसने आज क्या सीखा। इससे आप दोनों अपने बिजी लाइफ शेड्यूल से थोड़ा समय निकाल कर एक दूसरे से बात कर पाएंगे और करीब आएंगे।
पर्सेंटेज नहीं प्रोग्रेस देखें
इस समय बच्चे ओपन बुक टेस्ट और वर्चुअल टेस्ट दे रहे हैं। इस समय आपको बच्चे के अंकों या पर्सेंट पर ध्यान देने की बजाय यह सोचना चाहिए कि उसने ऑनलाइन क्लास से क्या सीखा है। जानें कि उनमें कोई सुधार भी आया है या वो बस कंप्यूटर के आगे बैठ जाता है और टीचर की बात सुनता रहता है और क्लास खत्म होने के बाद सब कुछ भूल जाता है।
ऑनाइनल क्लास के इस दौर में आप बच्चे को कोई अन्य कोर्स भी करवा सकते हैं क्योंकि अभी उनके पास पर्याप्त समय है। पढ़ाई के मामले में भी आपको क्वांटिटी से ज्यादा क्वालिटी पर भरोसा करना चाहिए।