गर्भावस्‍था में जामुन खाना चाहिए या नहीं

गर्भवती महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना होता है। क्योंकि महिला पर अपने और बच्चे के पोषण की दोहरी जिम्‍मेदारी जो होती है।

Update: 2022-06-29 14:50 GMT

गर्भवती महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना होता है। क्योंकि महिला पर अपने और बच्चे के पोषण की दोहरी जिम्‍मेदारी जो होती है। गर्भावस्था के दौरान खाई जाने वाली चीजों का सीधा असर शिशु के विकास पर पड़ता है। वैसे तो होने वाली मां को ज्यादा से ज्यादा फलों का सेवन करने की सलाह दे जाती है, लेकिन जामुन को लेकर अकसर उन्हे अलर्ट किया जाता है। आज के लेख में विस्तार से बताते हैं कि गर्भवती महिलाओं को जामुन खाने चाहिए या नहीं।

गर्भावस्‍था में जामुन खाना चाहिए या नहीं
कहा जाता है कि एंटीऑक्‍सीडेंट से भरपूर जामुन में कई पोषक तत्‍व होते हैं, जो भ्रूण के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं। जिन मह‍िलाओं को जेस्‍ट‍ेशेनल डायब‍िटीज की समस्‍या है उनके ल‍िए ये फल फायदेमंद है, क्‍योंक‍ि इसका ग्‍लाइसेम‍िक इंडेक्‍स कम होता है। लेकिन एक चीज का ध्यान रखें कि दिन में 1 से 2 कटोरी जामुन का ही सेवन करें क्योंकि ज्यादा खाने से नुकसान हो सकता है। आप चाहे तो इसे सीधे खाने की बजाए अलग-तरीके से भी खा सकती हैं।
ये है जामुन खाने के फायदे
-दिल की सेहत के लिए होता है अच्छा
-शिशु की हड्डियों को बनाता है मजबूत
-आखों की रोशनी भी बढ़ाता है जामुन
-पाचन के लिए सबसे उपयुक्त नुस्खा है जामुन
-गर्भ में पल रहे बच्चे को बीमारियों से बचाता है जामुन
इन बातों का रखें ध्यान
-गर्भवती महिलाओं को खाली पेट जामुन नहीं खाने चाहिए।

-जामुन खाने के तुरंत बाद दूध ना पीएं।

-अगर आपको पथरी है तो जामुन न खाएं।

-प्रेगनेंसी में वजन संतुलित नहीं है तो इसका सेवन ना करें।

-ऐसा जामुन न खाएं जो ज्‍यादा पका हुआ हो।

-अधिक मात्रा में जामुन का सेवन करना सही नहीं ।

इम्यूनिटी भी बढ़ाता है जामुन
प्रेग्‍नेंसी में एनीमिया का खतरा ज्‍यादा रहता है लेकिन जामुन में भरपूर आयरन होता है, जो लाल रक्‍त कोशिकाओं का निर्माण करता है। साथ ही इससे इम्यूनिटी भी बढ़ती है, जिससे आप कई बैक्टीरियल इंफेक्शन से बची रहती हैं। ऐसा भी कहा जाता था कि प्रेग्‍नेंसी में जामुन खाने से भ्रूण की त्‍वचा पर असर पड़ेका लेकिन इस तथ्‍य को साबित करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है।

जामुन खाने के साइड इफेक्ट

-इसकी अधिक मात्रा खांसी का कारण बन सकती है।

-जामुन का अधिक सेवन फेफड़ों में बलगम बढ़ा सकता है।

-प्रेगनेंसी में बुखार का कारण भी बन सकता है जामुन

- इसकी अधिक मात्रा से हो सकता है दर्द

-जामुन की अध‍िक मात्रा खाने से ब्‍लड शुगर लेवल ग‍िर सकता है


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