एक रिसर्च में हुआ हैरान करने वाला खुलासा, जानें अकेले रहने से क्यों बढ़ता है 'IQ' प्रेसर

हम सभी अपनी बिजी लाइफस्टाइल और तनाव के चलते जिंदगी में अकेले हो जाते हैं.

Update: 2020-12-28 07:23 GMT

जनता से रिश्ता बेवङेस्क| हम सभी अपनी बिजी लाइफस्टाइल और तनाव के चलते जिंदगी में अकेले हो जाते हैं.धीरे-धीरे अपने दोस्तों और परिजनों से दूर हो जाते हैं. हम अपने दोस्तों से बातचीत करने की जगह अकेले रहना पसंद करते हैं जिस कारण हम चिढ़चिढ़े हो जाते हैं और छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आता है. अकेलापन तनाव बढ़ाता है जिस कारण हमारे सोचने समझने की शक्ति कम हो जाती है. अकेलपन को लेकर एक स्टडी में दिए गए सुझाव को पढ़कर आप चौंक सकते हैं.

हम सभी जानते हैं कि दोस्तों के साथ समय बिताने से हमारा मूड अच्छा होता हैं और काम करने में मन लगता है. हालांकि वो लोग बहुत बुद्धिमान होते हैं जो अकेले रहते हैं. क्योंकि अकेले रहने से परेशानियां कम हो जाती हैं और वह खुश रहते हैं.

रिसर्च में दावा गया कि सोशलाइजेशन करने से लोग असंतुष्ट महसूस करते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सामन्य पसंद वाले लोग को ढूंढना मुश्किल होता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि कुल आबादी में से सामान्य रुचि वाले लोग सिर्फ 2 प्रतिशत होते हैं. जिन लोगों की सामान्य रूचि नहीं होती हैं तो वो लोग आइसोलेटेड महसूस करते हैं. इसलिए धीरे-धीरे वो लोग अपनी कंपनी एन्जॉय करने लगते हैं क्योंकि कोई भी ऐसे व्यक्तियों से बात नहीं करना चाहता है जो लोग बुद्धिमानता की बात करते हैं.

ज्यादा बुद्धिमान लोगों के अक्सर कम दोस्त होते हैं क्योंकि उनका मानना है कि कम बुद्धिमान लोगों से बात करने पर उनकी सोच भी उसी तरह की हो जाएगी. इसलिए वो लोग अपने प्रोफेशनल और करियर को लेकर बिजी रहते हैं. इन लोगों का मानना है कि सोशलाइजेशन करना, दोस्तों के साथ घूमने- फिरने से वह अपने लक्ष्य से दूर हो सकते हैं.

जो लोग एकडेमिक रूप से कमजोर होते हैं, उनकी सफलता के रास्ते में स्किलस की कमी एक बाधा के रूप में होती है. हालांकि बुद्धिमान लोग भी एकडेमिक रूप से तेज नहीं होते हैं लेकिन चतुर, हेरफेर और क्रिएटिव सोच में काफी अच्छे होते हैं. वहीं कुछ लोग अपनी जिंदगी से असंतुष्ट होकर निराश हो जाते हैं और अत्यंत बुद्धिमान लोग भी इससे बच नहीं पाते है.

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