वक्री शनि जल्द होने वाले हैं मार्गी, इन राशियों की दूर होंगी मुसीबतें
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में नव ग्रहों का जिक्र किया गया है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| वैदिक ज्योतिष शास्त्र में नव ग्रहों का जिक्र किया गया है। जिसमें शनि का विशेष महत्व होता है। नव ग्रहों में शनि की चाल को सबसे धीमी मानते हैं। शनि अपना एक च्रक पूरा करने में करीब 30 साल का समय लगाते हैं। एक राशि से दूसरी राशि में जाने में शनि को करीब ढाई वर्ष का समय लगता है। शनि राशि परिवर्तन का सभी 12 राशियों पर प्रभाव पड़ता है। शनि 23 मई 2021 से मकर राशि में वक्री यानी उल्टी चाल चल रहे हैं।
शनि 11 अक्टूबर को मार्गी हो जाएंगे। शनि की वक्री अवस्था में शनि की साढ़े साती और शनि ढैय्या से पीड़ित राशि वालों के कष्ट बढ़ जाते हैं। शनि 11 अक्टूबर को मार्गी होने के बाद 29 अप्रैल 2022 में मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में गोचर करेंगे।
शनि कब होंगे मार्गी-
वक्री शनि 11 अक्टूबर 2022 को मकर राशि में सुबह 7 बजकर 48 मिनट पर मार्गी हो जाएंगे। शनि 141 दिन तक मार्गी रहेंगे।
वक्री शनि का इन राशियों पर प्रभाव-
शनि के मार्गी होने पर साढ़े साती से पीड़ित धनु राशि के जातकों की परेशानियां कम हो जाएंगी। मिथुन और तुला राशि वालों को भी शुभ परिणाम प्राप्त होंगे। इसके अलावा मेष, कर्क, कन्या, मकर और कुंभ राशि वालों को कष्टों से राहत मिलेगी। इस दौरान आपके जीवन की समस्याएं दूर होंगी। वर्तमान में शनि मकर राशि में गोचर कर रहे हैं। इन राशि वालों को शनि की साढ़े साती से मुक्ति 2025 में मिलेगी।
2022 में शनि का राशि परिवर्तन-
29 अप्रैल 2022 को शनि राशि परिवर्तन करेंगे। इस दौरान मेष, वृषभ, सिंह और कन्या राशि वालों पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। इस राशियों पर शनि की टेढ़ी नजर रहेगी। इन सभी राशियों को साल 2025 में शनि की दशा से मुक्ति मिल जाएगी।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।