दूध के नियमित इस्तेमाल से कोलेस्ट्रोल का लेवल कम रहता है, शोध के अनुसार कोलेस्ट्रोल का लेवल भी कम रहता है

दूध पीनेवालों की पहचान के लिए जेनेटिक्स का इस्तेमाल किया, रिसर्च के दौरान पाया गया कि जेनेटिक वेरिएशन वाले लोगों की दूध पीने की अधिक संभावना थी

Update: 2021-05-29 07:57 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दूध पर वैश्विक रिसर्च में बड़ा खुलासा हुआ है. एक ग्लास दूध का नियमित इस्तेमाल स्पष्ट रूप से दिल की बीमारी के खतरे को कम कर सकता है. शोधकर्ताओं की टीम ने दूध पीनेवालों में कोलेस्ट्रोल का कम लेवल भी पाया. रिसर्च को इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ओबेसिटी में प्रकाशित किया गया है. यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग, यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ ऑस्ट्रेलिया, साउदर्न ऑस्ट्रेलियन हेल्थ एंड मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट, यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन और यूनिवर्सिटी ऑफ ऑकलैंड के शोधकर्ताओं ने अमेरिकी और ब्रिटिश नागरिकों के करीब 20 लाख डेटा को जांचा.


क्या दूध पीने से दिल की बीमारी का खतरा होता है कम?

उन्होंने आदतन दूध पीनेवालों की पहचान में मदद के लिए जेनेटिक्स का इस्तेमाल किया. रिसर्च के दौरान उन्होंने पाया कि जेनेटिक वेरिएशन वाले लोगों की दूध पीने की अधिक संभावना थी. दूध सेवन के बारे में सर्वेक्षण के साथ मिलाकर उन्होंने इस जानकारी का इस्तेमाल ये जानने में किया कि कैसे दूध पीने से स्वास्थ्य के नतीजे जैसे बीमारी का खतरा जुड़ सकता है. उन्होंने पाया कि नियमित दूध पीनेवालों का बॉडी मास इंडेक्स ज्यादा है, लेकिन कोलेस्ट्रोल की अच्छी और बुरी दोनों किस्में में कमी का पता चला, और कार्डियो-वैस्कुलर रोग होने का खतरा 14 फीसद कम हो गया. पूर्व के रिसर्च में बताया गया था कि सैचुरेटेड फैट्स का संबंध दिल की बीमारी के अधिक खतरे से हो सकता है. लेकिन, ताजा रिसर्च के मुताबिक, सैचुरेटेड फैट में भरपूर दूध का संबंध स्वास्थ्य के खतरे से उस तरह जुड़ता हुआ नजर नहीं आया जैसा कि फैटी फूड्स जैसे रेड मीट से जुड़ता है.


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