सर्दी-खांसी की समस्या को इन लक्षणों से पहचानें और ऐसे करें बचाव

ठंड के मौसम में सर्दी-खांसी की समस्या आम रहती है,

Update: 2021-12-24 10:16 GMT
सर्दी-खांसी की समस्या को इन लक्षणों से पहचानें और ऐसे करें बचाव
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ठंड के मौसम में सर्दी-खांसी की समस्या आम रहती है, लेकिन अगर लगातार कई दिनों तक खांसी आ रही है और उसके साथ बलगम की भी शिकायत है तो यह ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) हो सकता है। दरअसल, ब्रोंकाइटिस रोग में फेफड़ों तक हवा पहुंचाने वाली ब्रोंकियल ट्यूब में सूजन आ जाती है। इसके शुरुआती लक्षणों में बुखार के साथ जहां सात से दस दिन तक सूखी खांसी रहती है, वहीं बीमारी पुरानी होने पर यह क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) के रूप में बदल जाती है।

इन लक्षणों से पहचानें
ब्रोंकाइटिस में सांस लेने में घबराहट की आवाज और सांस लेने में दिक्कत होती है। लगातार खांसी, सांस में कमी, बलगम आना, गले में खराश, थकान, नाक बंद रहना या पानी आना, शरीर में दर्द, उल्टी-दस्त आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं। अगर बीमारी पहले से है तो थूक के साथ खून आ सकता है। थोड़े परिश्रम में थकान या सांस चढ़ना, सिरदर्द, टखने या पैर में दर्द रहना भी इसके लक्षण है। सांस लेते समय सीटी की आवाज आ सकती है और खांसी एक महीने तक रह सकती है।

सर्दी-खांसी की समस्या को इन लक्षणों से पहचानें और ऐसे करें बचाव

शुरुआती अवस्था में बीमारी पूरी तरह से ठीक हो जाती है। वहीं क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस गंभीर होता है। इससे बचाव जरूरी है-
- सर्दी में सुबह जल्दी बाहर न निकले।
- शरीर की नियमित रूप से मालिश करें।
- इनहेलर हमेशा अपने साथ रखें।
- तनाव वाले काम ना करें, पर्याप्त नींद लें।
- विशेषज्ञ की देखरेख में ही व्यायाम करें।
- घर से बाहर निकले तो मास्क जरूर लगाएं। इससे धूल, धुआं और दूसरे प्रदूषण से बचाव होता है।
- नमक के गुनगुने पानी के गरारे करें।
- किसी भी स्थिति में घबराए नहीं
- डॉक्टरी सलाह के बिना दवाइयां ना लें।
हेल्दी डाइट का इस्तेमाल करें
- ब्रोंकाइटिस में हेल्दी डाइट बहुत ही अहम होता है। आइए जानते हैं किन चीजों को डाइट का हिस्सा बनाएं।
- संतुलित आहार व साबुत अनाज लें।
- पालीअनसैचुरेटेड फैट्स कम लें यानी चिकनाई वाली चीजें कम खाएं।
- बादाम, अखरोट जैसे ड्राई फ्रूट्स लें।
- हर्बल टी, सूप आदि का इस्तेमाल करें।
- एंटीऑक्सीडेंट के लिए बेरी, पालक, गाजर सहित हरी सब्जियां खाएं।
- गुनगुना पानी पीएं एवं बीच-बीच में भाप लेते रहे। शरीर में पानी की कमी ना होने दें।


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