डिनर में बनाएं व्यंजन जो भारतीय रसोई से खो चुके हैं अपनी पहचान

Update: 2024-05-22 09:47 GMT
रेसिपी   :  हमारा देश अपनी संस्कृति के लिए जाना जाता है। हमारे खानपान में भी विशिष्ट रूप से हमारी संस्कृति के दर्शन हो सकते हैं। हमारे मसाले, कुजीन, स्वीट्स और डेजर्ट विदेशों तक अपनी छाप छोड़ चुके हैं। इस बीच हमने कई वेस्टर्न चीजों को भी अपनाया। फ्यूजन के रूप में कई सारी डिशेज का आविष्कार किया।
आप किसी भी रेस्तरां या बड़े होटल में चले जाइए, तो आपको मेन्यू में विविध और कई तरह के देशी और विदेशी चीजों की वैरायटी मिलेगी। इन सबके बीच, हम कहीं न कहीं अपनी जड़ों को भूल रहे हैं। भारत के अलग-अलग क्षेत्र की ऐसी कुजीन जो कभी हमारे किचन का अटूट हिस्सा थीं, आज खोती जा रही हैं। जिन व्यंजनों को आप भूल चुके हैं, आइए उनकी याद आपको फिर से दिलाएं।
पारसी धनसाक का मजा सभी ने लिया होगा, लेकिन इस पारसी व्यंजन को आज लोग भुला चुके हैं। बोटी नी अकुरी को फारसी पारसी लोगों के वंशज द्वारा सदियों पहले भारत लाया गया था। यह स्वादिष्ट डिश मटन और अंडे से तैयार की जाती है। जीरा, धनिया और अदरक जैसे सुगंधित मसालों के मिश्रण से तैयार, बोटी नी अकुरी स्वाद का पैकेज है। इसे आमतौर पर कुरकुरी ब्रेड या पाव के साथ परोसा जाता है।
यह बंगाल में बनने वाली एक लोकप्रिय डिश है जो अपने मसालेदार टेक्सचर और स्वाद के लिए जानी जाती है। आज बंगाल की फिश फ्राई भले सबको याद हो, लेकिन इस डिश के बारे में कम ही लोग जानते हैं। इसमें बाटा (छोटी कैटफिश) या टेंगरा (मिस्टस) के साथ-साथ आलू, बैंगन और कद्दू जैसी मौसमी सब्जियां शामिल होती हैं। इसमें जीरा, हल्दी, अदरक, लहसुन और हरी मिर्च सहित अन्य मसालों का तड़का लगता है और तब जाकर यह डिश तैयार होती है। पकवान को आम तौर पर धीमी आंच पर धीरे-धीरे पकाया जाता है, जिससे स्वाद एक साथ मिल जाता और फिश अच्छी तरह से सारे मसाले अब्सॉर्ब कर लेती है।
कश्मीर से आने वाली ऐसी कई रेसिपीज हैं, जो लोग बड़े चाव से खाते हैं। उनमें यखिनी पुलाव और मटन रोगन जोश पॉपुलर डिशेज हैं। मगर कश्मीरी कबाब, जिन्हें लाहाबी कबाब कहा जाता है आज कहीं गुम हो गए हैं। मसालों से भरपूर कबाब की खुशबू ऐसी होती है कि आप बिना खाए रुक नहीं सकते। लाहाबी कबाब में मेन इंग्रीडिएंट्स में आमतौर पर कीमा मटन, प्याज, लहसुन, अदरक, जीरा, धनिया, गरम मसाला और मिर्च पाउडर जैसे सुगंधित मसालों का मिश्रण शामिल होता है। मीट को अच्छी तरह से मसालों में मिलाकर ही एक डीप फ्लेवर विकसित होता है। कबाब को अक्सर ताजी नान ब्रेड, पुदीने की चटनी और कटे हुए प्याज के साथ ग्रिल से गर्मागर्म निकालकर जाता है।
चिकन कोरी रोटी मैंगलौर का एक पारंपरिक व्यंजन है। यह लॉस्ट रेसिपी मसालेदार नारियल-बेस्ड ग्रेवी में पकाए गए चिकन से तैयार की जाती है। इसके साथ कुरकुरे वेफर्स परोसे जाते हैं। इसे अक्सर विशेष अवसरों, पारिवारिक समारोहों और त्यौहारों में बनाया जाता है। चिकन कोरी रोटी में मेन इंग्रीडिएंट्स सॉफ्ट चिकन के पीसेस, नारियल, इमली, प्याज, टमाटर, लहसुन, अदरक, धनिया, जीरा, हल्दी और लाल मिर्च पाउडर जैसे मसाले होते हैं।
चिकन को मसालों के साथ मैरीनेट किया जाता है और फिर नारियल के दूध, इमली के गूदे और मसालों से बनी स्वादिष्ट ग्रेवी में पकाया जाता है। कोरी रोटी चावल से तैयार किया गया एक पतला वेफर होता है, इसे चिकन करी के साथ परोसा जाता है। अपने स्वाद और सांस्कृतिक महत्व के बावजूद, चिकन कोरी रोटी कर्नाटक के बाहर और गैर-तटीय भारतीय समुदायों के बीच अपेक्षाकृत कम जानी जाती है।
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