पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, जिसमें महिलाओं में बढ़ जाता है पुरुषों का हार्मोन

पुरुषों का हार्मोन

Update: 2023-08-20 09:55 GMT
महिलाएं घर से लेकर बाहर तक अपनी भूमिका बेहद अच्छी तरह से निभाती हैं, लेकिन जब बात खुद की हेल्थ की आती है तो वह ज्यादातर ध्यान नहीं देते हैं, लेकिन अगर समस्या निजी बीमारी से जुड़ी बात हो तो डॉक्टर को दिखाना और भी ज्यादा जरूरी हो जाता है. महिलाओं में अक्सर पीसीओएस यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम की समस्या देखने को मिलती है. इस बीमारी में महिलाओं के शरीर में कई असामान्य बदलाव देखने को मिल सकते हैं. ये बदलाव कुछ ऐसे होते हैं कि महिलाओं की मेंटल हेल्थ तक पर असर पड़ सकता है और उन्हें डिप्रेशन जैसी समस्या हो सकती है.
दरअसल ज्यादातर महिलाओं में पीसीओडी और पीसीओएस को लेकर अब भी जागरूकता की कमी है. उन्हें शरीर में होने वाले इन बदलावों की वजह पता ही नहीं होती है और वक्त रहते सही ट्रीटमेंट न मिलने की वजह से ये बीमारी गंभीर रूप ले लेती है. जानते हैं कि क्या होता है, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम और क्या कहते हैं इस पर एक्सपर्ट.
महिलाओं में बढ़ जाता है पुरुषों वाला हार्मोन
महिलाओं और पुरुषों दोनों में ही एंड्रोजन हार्मोन पाया जाता है, लेकिन पुरुषों में ये हार्मोन ज्यादा बनते हैं. वहीं महिलाओं में होने वाली बीमारी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम या पीसीओसी एक तरह का हार्मोनल इंबैलेंस है. पीसीओएस की समस्या से जूझ रही महिलाओं के शरीर में पुरुषों का हार्मोन ‘एंड्रोजन’ बढ़ जाता है और इस वजह से ओवरी में गांठ (सिस्ट) होने लगती हैं.
दिखते हैं ये लक्षण
जब कोई महिला पीसीओएस से ग्रसित होती है तो हार्मोनल असंतुलन की वजह से चेहरे पर अनचाहे बाल आना, हेयर फॉल होना, एक्ने, वजन बढ़ना, वक्त पर पीरियड्स नहीं आना और इनफर्टिलिटी (कंसीव करने में परेशानी) जैसी समस्याएं होने लगती है. कई बार वक्त पर ध्यान न देने से ये समस्या काफी घातक हो सकती है.
कैंसर का जोखिम
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लंबे समय से पीसीओडी की समस्या से जूझ रही महिलाओं में से दस प्रतिशत में बच्चेदानी (यूट्रस) का कैंसर भी देखने को मिला. इन महिलाओं को दस साल से भी ज्यादा समय से ओवरी में गांठ की समस्या थी, जिसका इलाज नहीं हुआ.
क्या कहते हैं डॉक्टर
एम्स नई दिल्ली में जेनेटिक फैसिलिटी की एचओडी प्रोफेसर डॉक्टर रीमा दादा ने टीवी9 से बातचीत में बताया कि हार्मोनल बदलाव के कारण होने वाली ये बीमारी खराब लाइफस्टाइल की वजह से तेजी से बढ़ रही है. ज्यादा प्रोसेस्ड फूड, फ्राई फूड्स खाने और फिजिकल एक्टिविटी न के बराबर होने से वजन तेजी से बढ़ता है, जिसका संबंध पीसीओएस के साथ होता है.
क्या है बचाव और ट्रीटमेंट
डॉक्टर रीमा दादा कहती हैं कि ये एक लाइफस्टाइल से जुड़ी समस्या है, इसलिए इसका बचाव और इलाज भी इसी से संभव है. डॉक्टर के मुताबिक, योग एक ऐसा फैक्टर है, जिससे इस समस्या से निपटा जा सकता है. वहीं समस्या बढ़ने पर दवाओं से भी इसका इलाज किया जाता है. इसलिए लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
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