अनरसा होती है बेहतरीन मिठाई, जब भी इच्छा हो मीठा खाने की तो करती है भरपाई
खाने की तो करती है भरपाई
आम तौर पर देखा जाता है कि लंच या डिनर के बाद अक्सर मीठा खाने की इच्छा होती है। कोई मिठाई नहीं होने पर हम गुड़-चीनी से मुंह मीठा कर लेते हैं। मीठे की ललक कुछ ऐसी ही होती है। कहने का मतलब है कि घर में हमेशा कुछ न कुछ मीठा जरूर उपलब्ध रहना चाहिए। आज हम आपके लिए लेकर आए हैं एक ऐसी स्वीट डिश जिसे आप घर पर आसानी से बनाकर खा सकते हैं। हम बात कर रहे हैं उत्तर भारत और बिहार में मशहूर चावल के अनरसा की। अनरसा बड़े चाव से खाई जाती है। हालांकि इसे बनाने में समय तो लगता है, लेकिन इसका स्वाद बहुत अच्छा होता है। कह सकते हैं कि मेहनत का फल मीठा होता है।
छोटे साइज के चावल – डेढ़ कप
पिसी हुई शक्कर - 1/2 कप
दही - 1/3 कप
देसी घी - 2 बड़े चम्मच
तिल - 2 बड़े चम्मच
विधि
- चावल के अनरसे बनाने के लिए सबसे पहले चावल को साफ करके धो लें।
- धोने के बाद चावल को 3 दिनों तक भिगोकर रख दें। हर दिन चावल का पानी बदलते रहें।
- 3 दिन हो जाने के बाद चावल को पानी से बाहर निकाल लें और उन्हें अच्छी तरह से धोकर एक सूती कपड़े पर सूखने के लिए फैला दें।
- चावल जब सूख जाएं तो उन्हें मोटा-मोटा पीस लें।
- पीसे हुए आटे में बची हुई सामग्री पिसी शक्कर, दही, घी मिलाएं और साथ में थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए सख्त आटा गूंथ लें।
- इस आटे को गूंथने के बाद गीले कपड़े से ढ़ककर 12 घंटे के लिए रख दें।
- 12 घंटे बाद इस आटे को बाहर निकाल लें और इसकी छोटी-छोटी लोइयां बना लें।
- लोइयां बनाने के बाद चकले पर तिल फैलाएं और लोई की पूरियां बना लें।
- अब आपको इन लोइयों को मिडियम आंच पर घी में तलना है और इस तरह आपके चावल के अनरसे बनकर तैयार हो जाएंगे।