प्लास्टिक पर आठ दिन और स्किन पर 21 घंटे रहता है ओमीक्रोन, इस वेरिएंट को खत्म करेगा सैनिटाइजर जानिए
कोरोना का ओमीक्रोन वेरिएंट त्वचा पर 21 घंटे और प्लास्टिक पर आठ दिन से अधिक (193.5 घंटे) तक जीवित रह सकता है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| कोरोना का ओमीक्रोन वेरिएंट त्वचा पर 21 घंटे और प्लास्टिक पर आठ दिन से अधिक (193.5 घंटे) तक जीवित रह सकता है। वायरस का ये रूप अन्य स्ट्रेन की तुलना में त्वचा व प्लास्टिक की सतह पर सबसे लंबे समय तक जीवित रहता है। ऐसे में संक्रमण की गुंजाइश अधिक है।
जापान के क्योटो स्थित परफेक्चुरल यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन के वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में कई स्तर के परीक्षण के परिणामों के आधार पर किया है। वैज्ञानिकों ने त्वचा पर वायरस के जीवन चक्र का पता लगाने के लिए कैडवर (शव) पर परीक्षण किया है। कैडवर के त्वचा पर वायरस का मूल रूप 8.6 घंटे, अल्फा 19.6, बीटा 19.1, गामा 11 घंटे, डेल्टा 16.8 घंटे
जबकि ओमीक्रोन 21.1 घंटे तक जीवित पाया गया है।
15 सेकंड में सैनिटाइजर से वायरस का अंत
15 सेकंड में सैनिटाइजर से वायरस का अंत
वैज्ञानिकों के अनुसार इथेनॉल वायरस का दुश्मन है। वायरस के सभी रूप एल्कोहल युक्त सैनिटाइजर से 15 सेकंड में पूरी तरह खत्म हो जाते हैं। वैज्ञानिकों ने लोगों से नियमित हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने की अपील की है।
डेल्टा की जगह ले सकता है
डेल्टा की जगह ले सकता है
वैज्ञानिकों ने कहा है कि ओमीक्रोन वेरिएंट की पर्यावरण में स्थिरता ज्यादा है। ऐसे में ये अधिक संक्रामक हो सकता है। संभव है कि ये डेल्टा वेरिएंट की जगह ले ले। संक्रमण क्षमता तेज होने के कारण ही दुनियाभर में ज्यादा मरीज मिल रहे हैं।