कैंसर की नई दवा नौ साल की बच्ची के नाम से प्रेरित

Update: 2023-08-04 10:10 GMT

नौ साल की बच्ची के नाम से प्रेरित कैंसर की नई दवा ट्यूमर को जड़ से खत्म कर देगी। वैज्ञानिकों के मुताबिक, ये दवा शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं को बगैर नुकसान पहुंचाए ही ट्यूमर पर अपना काम करती है।

अमेरिका में कैंसर की एओएच1996 नामक दवा का इन्सानों पर परीक्षण शुरू किया है। वैज्ञानिकों ने बताया कि दवा का नाम 1996 में जन्मी बच्ची आना ओलिविया हीली से प्रेरित है। उसे न्यूरोब्लास्टोमा नाम का कैंसर था। 2006 में आना की मौत हो गई थी। हमने कैंसर खत्म करने वाली नई दवा का नाम एओएच1996 आना ओलिविया हीली को श्रद्धांजलि देने के लिए रखा है। उम्मीद है कि आने वाले समय में हम और बच्चों की जान बचा सकें। न्यूरोब्लास्टोमा बच्चों को होने वाला एक कैंसर है। ये एड्रिनल ग्लैंड्स का कैंसर है, जो पेट, छाती, गले की हड्डियों में विकसित होता है।

शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं

दरअसल, कैंसर के इलाज- कीमोथैरेपी, रेडिएशन और इनवेसिव सर्जरी के दौरान मरीजों की स्वस्थ कोशिकाएं भी खत्म हो जाती हैं। इससे शरीर में कई तरह के दुष्प्रभाव पड़ते हैं। जैसे, बाल झड़ना और चेहरे का काला पड़ना। लेकिन इस दवा से पीड़ित व्यक्ति को कोई भी नुकसान नहीं पहुंचेगा और शरीर पर किसी तरह का दुष्रभाव नहीं दिखेगा।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

दवा पर मुख्य रूप से काम कर रहे प्रोफेसर लिंडा मलकास ने कहा कि ये दवा कैंसर प्रोटीन व कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने का काम भी करती है। इससे ट्यूमर नहीं हो पाता है।

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