अक्सर ऐसा देखा जाता है कि छोटे बच्चे पेरेंट्स के सामने ऐसी कई गलत चीजें करते हैं, जिसे पेरेंट्स बच्चा समझकर नजरअंदाज कर देते हैंI पेरेंट्स का इस तरह से गलत चीजों को नज़रअंदाज करना बिलकुल भी सही नहीं है क्योंकि आगे चलकर भविष्य में यही गलत आदतें बड़ी परेशानी का कारण बनते हैंI ये एक आम समस्या है जो लगभग हर घर में देखने को मिलता हैI इसलिए इस पर ध्यान देना और जितनी जल्दी हो सके इन बुरी आदतों के बारे में बच्चे को समझाना जरूरी हैI हम आपको बता रहे हैं बच्चों की कुछ ऐसी आदतों के बारे में जिन्हें आपको बिलकुल भी अनदेखा नहीं करना चाहिएI
बात-बात पर झूठ बोलने की आदत जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं वे अपने माता-पिता से झूठ बोलना शुरू कर देते हैंI बच्चों को लगता है कि वे झूठ बोलकर आसानी से बच सकते हैं और पेरेंट्स को उनकी गलतियों के बारे में पता भी नहीं चलेगाI अगर समय से बच्चों की झूठ बोलने की आदत को नहीं संभाला जाए तो आगे चलकर इससे बच्चों का भविष्य भी खराब हो सकता है और वे इसकी वजह से गलत रास्ते पर भी जा सकते हैंI
गलत भाषा का उपयोग करना तो हम सब सुनकर खूब हंसते हैं लेकिन उस वक्त हम ये नहीं समझ पाते हैं कि आगे जाकर बच्चे का इस तरह से बात करना उसकी गलत आदतों में शामिल हो जाएगाI यहाँ तक कि बच्चे गाली कब और कहाँ से सीख जाते हैं, पेरेंट्स को इसका भी पता नहीं चल पाता हैI लेकिन एक अच्छे पेरेंट्स होने के नाते आपकी ये जिम्मेदारी है कि आपका बच्चा जब भी गलत भाषा का प्रयोग करे, उसे उसी समय समझाएं कि इस तरह से गलत भाषा का उपयोग करना क्यों सही नहीं है ताकि बच्चे को कम उम्र में सही गलत के बारे में पता चल सकेI
जब बच्चा इमोशनल ब्लैकमेल करना शुरू कर दे पेरेंट्स जब बच्चे की कोई डिमांड पूरी नहीं करते हैं तो बच्चा रोने लगता है या उदास होकर एक जगह पर बैठ जाता हैI उसे इस तरह से उदास देखकर पेरेंट्स उसकी जिद पूरी कर देते हैं और धीरे-धीरे बच्चा अपनी जिद पूरी करवाने के लिए पेरेंट्स को इमोशनल ब्लैकमेल भी करने लगता हैI तब पेरेंट्स पछताते हैं कि अगर समय से बच्चे को कण्ट्रोल किया होता तो कितना अच्छा होताI इसलिए शुरुआत से ही अपने बच्चे के ऊपर खास ध्यान देंI
छोटी-छोटी बात पर गुस्सा करन अगर बच्चा किसी गलत बात पर गुस्सा होता है या रियेक्ट करता है तो ठीक है लेकिन हर बात पर गुस्सा करना और चिल्लाना बिलकुल भी ठीक नहीं हैI इस तरह की आदत के कारण बच्चे को एडजस्ट करने में काफी दिक्कत होती है, वह समय के साथ और भी ज्यादा चिड़चिड़ा हो जाता हैI जब आपका बच्चा भी इस तरह का व्यवहार करे तो आप उसके साथ बैठकर इस समस्या पर बात करें और इससे निपटने के तरीके पर विचार करेंI