फोन का अधिक इस्तेमाल बना सकता हैं मैनरलेस

आज हम उम्र के लोगों के पास स्मार्ट फोन है. इसे सिर्फ स्मार्ट फोन न कहकर लोगों की दुनिया भी कही जा सकती है.

Update: 2022-08-19 16:08 GMT

आज हम उम्र के लोगों के पास स्मार्ट फोन है. इसे सिर्फ स्मार्ट फोन न कहकर लोगों की दुनिया भी कही जा सकती है. एक ऐसी दुनिया, जिसका पूरा-पूरा कंट्रोल हमारे हाथों में होता है. शायद यही वजह होगी, जिसके कारण हर एज ग्रुप के लोग इसके आदी हो चले हैं. जिस तरह हर चीज़ के फायदे और नुकसान होते हैं, वैसे ही स्मार्ट फोन के भी हैं.

क्या आप जानते हैं कि स्मार्ट फोन के बढ़ते चलन ने लोगों से सोशल मैनर्स छीन लिए हैं? बड़ों, बच्चों यहां तक कि हमउम्र के साथ हमारा व्यवहार कैसा होना चाहिए, इसे लेकर लोगों की बेसिक समझ मध्यम पड़ती जा रही है. आज लोग तेज़ी से 'फबिंग' के शिकार हो रहे हैं. फबिंग यानी किसी से बातचीत करने की जगह फोन में देखते रहना.
फोन का इस्तेमाल कैसे बना रहा है मैनरलेस
परिवार के साथ को घटाता है – सभी का रूटीन व्यस्त होता है, जिनमें ऑफिस, स्कूल, कॉलेज, घर की ज़िम्मेदारियां शामिल हैं. इन सब चीज़ों के बाद परिवार के लिए समय बेहद कम बचता है. ऐसे में इस थोड़े से साथ को भी मोबाइल पर बिताया गया, तो परिवार के साथ मिलने वाला समय और कम हो जाता है.
फोन आपको खुद में उलझाता है – रिसर्च के मुताबिक, फोन का लगातार इस्तेमाल करने की वजह से हमारा मूड तेज़ी से बदलता है. ये हमें आसपास की घटनाओं से दूर करता है, तो किसी भी तरह से सभ्यता की निशानी नहीं है.
बच्चों पर पड़ता है बुरा असर – जब आप घर के छोटे सदस्यों के सामने लगातार फोन का इस्तेमाल करते हैं, तो वे भी आपकी इस आदत से अडॉप्ट करते हैं. यही वजह कि बच्चों में भी फोन पाने की चाहत बढ़ने लगती है और कई बार वे इसी वजह से घर के अन्य सदस्यों से मिस-बिहेव करते हैं.
रिश्ते बिगाड़ता है फोन – जब बात मैनर्सलेस बनाने की होती है, तो फोन हमें रिश्तों में भी कठोर और बदतमीज़ बना देता है. असल में लगातार फोन देखते हुए हम पार्टनर, बच्चों, दोस्त और रिश्तेदारों सभी को नज़रअंदाज़ कर रहे होते हैं. हमारे सामने उनका होना हम पर बहुत प्रभाव नहीं डालता है. इसकी वजह से हम रिश्तों की अहमियत और मर्यादा को भी भूल जाते हैं.


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