महाशिवरात्रि पर बनाएं ठंडाई, जानें रेसिपी

महादेव को ठंडाई अतिप्रिय है, इसलिए महाशिवरात्रि के दिन उन्हें ठंडाई का भोग जरूर लगाया जाता है. जगह जगह महादेव के भक्त ठंडाई के प्रसाद का वितरण करते हैं. आप भी अगर ठंडाई घर पर बनाना चाहते हैं, तो यहां जानिए इसे बनाने का तरीका.

Update: 2022-02-28 06:52 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। महाशिवरात्रि (Maha Shivratri) का पर्व 1 मार्च 2022 को देशभर में मनाया जाएगा. महादेव और पार्वती (Mahadev and Parvati) के विवाह के इस पावन दिन पर भोलेनाथ के भक्त सुबह से ही उत्सव की तैयारियों में जुट जाते हैं. जगह जगह भंडारे होते हैं और महादेव को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाया जाता है. भांग भी महादेव को अत्यंत प्रिय है. इस​ दिन तमाम लोग महादेव को ठंडाई (Thandai) का भोग लगाते हैं और प्रसाद रूप में वो भक्तों को बांटी जाती है. ठंडाई भांग वाली और बिना भांग वाली दोनों तरह की बनाई जाती है. कहा जाता है कि ठंडाई के बगैर महाशिवरात्रि का पर्व ही अधूरा है. अगर आप भी इस मौके पर अपने आराध्य को ठंडाई का भोग लगाना चाहते हैं, तो यहां जानिए उसे बनाने की विधि.

सामग्री
एक लीटर दूध, आधा कप बादाम, 6 चम्मच खसखस, सौंफ आधा कप, 2 चम्मच काली मिर्च, 5 हरी इलाएची, 2 चम्मच काली मिर्च, 4 चम्मच तरबूज के बीज, 4 चम्मच खरबूजे के बीज, 4 चम्मच ककड़ी के बीज, 2 चम्मच गुलाब की पत्तियां, चीनी स्वादानुसार.
ऐसे तैयार करें
सबसे पहले एक बाउल में बादाम, खरबूजे, तरबूजे और ककड़ी के बीज, खसखस, सौंफ, गुलाब की पत्तियां, काली मिर्च और इलाएची को पानी में रातभर के लिए भिगो दें. बादाम को अलग से भिगोएं. सुबह बादाम को छीलकर बाकी सारे सामान को पानी सहित एक साथ पीस लें. एकदम बारीक पेस्ट तैयार करना है. अब दूध को उबालें और ठंडा होने दें. इसके बाद इसमें स्वादानुसार चीनी मिक्स करें. यदि केसर है तो थोड़ा सा केसर भी डाल दें.
अब दो गिलास में पानी लें और एक मलमल का कपड़ा लें. कपड़े में पेस्ट डालें और पानी डालकर उस पेस्ट को छान लें. आप चाहें तो छलनी की मदद से भी छान सकते हैं. इसके बाद इस पानी को दूध में मिक्स कर दें. इसके बाद कुछ समय के लिए इसे फ्रिज में रख दें. चाहें तो थोड़े ड्राई फ्रूट्स को बारीक काटकर इसे गार्निश भी कर सकते हैं. ठंडा होने के बाद इसमें बर्फ डालें. इसके बाद महादेव को भोग लगाएं और सभी को प्रसाद के तौर पर वितरित करें.
सुझाव
आप महाशिवरात्रि के पर्व पर अगर आप इसमें भांग का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो कर सकते हैं, लेकिन भांग की ठंडाई और बिना भांग की ठंडाई को अलग अलग बनाएं. ताकि जो लोग भांग की ठंडाई न पी सकें, वे भी ठंडाई का आनंद ले सकें.
जानें ठंडाई का महत्व और फायदे
कहा जाता है कि समुद्रमंथन के दौरान विषपान करने से महादेव के शरीर में जब जलन हुई थी, तब उन्हें ठंडी चीजों को अर्पित किया गया था, जिससे उन्हें शांति मिली थी. तब से उन्हें ठंडी चीजें अत्यंत पसंद हैं. इसलिए महादेव को ठंडाई का भोग लगाया जाता है. इसके अलावा महाशिवरात्रि के पर्व के कुछ समय बाद गर्मी का मौसम शुरू हो जाता है. ठंडाई ​गर्मी के मौसम में बेहद फायदेमंद पेय होती है. ये शरीर के तापमान को नियंत्रित करती है और पेट में जलन, अपच, एसिडिटी जैसी समस्याओं में राहत देती है. इसके अलावा आपके दिमाग को भी शांत रखती है.


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