Lifestyle: लेदर जैकेट और पर्स का फैशन ट्रेंड खरीदने से पहले जरूर ध्यान रखें यह बातें

"ओरिजिनल लेदर ना सिर्फ दिखने में बेहद स्टाइलिश और ग्रेसफुल लगता है बल्कि पहनने में भी काफी आरामदायक होता है"

Update: 2024-12-27 01:45 GMT

लाइफस्टाइल: लेदर जैकेट हो या शूज और पर्स, फैशन की दुनिया में इनका ट्रेंड कभी पुराना नहीं होता है। ओरिजिनल लेदर ना सिर्फ दिखने में बेहद स्टाइलिश और ग्रेसफुल लगता है बल्कि पहनने में भी काफी आरामदायक होता है। युवाओं के बीच लेदर चीजों की बढ़ती डिमांड को देखते हुए बाजार में डुप्लीकेट लेदर को असली लेदर कई बार बेच दिया जाता है। अगर आपके साथ भी ऐसा धोखा हो चुका है या आप ऐसा धोखा खाने से बचना चाहते हैं तो लेदर जैकेट, शूज और पर्स खरीदते समय इन बातों का ध्यान रखें। आइए जानते हैं कैसे कर सकते हैं असली और नकली लेदर की पहचान।

असली और नकली लेदर की पहचान करने के टिप्स

छूकर पता करें

असली और नकली लेदर के बीच का फर्क उसे छूकर पता किया जा सकता है। असली लेदर का टेक्सचर जानवर की चमड़ी से बने होने की वजह से बेहतर फिनिशिंग और इलास्टिसिटी वाला होता है। जबकि सिंथेटिक मटेरियल से बना नकली लेदर छूने में काफी कड़ा और सस्ता होता है।असली लेदर को दबाने पर उसमें रिंकल्स पड़ते हैं जबकि नकली लेदर ज्यादा सॉफ्ट और एक जैसा दिखाई देता है।

रंग से करें पहचान

ओरिजनल लेदर को पहचानने के लिए आप इस टिप का भी यूज कर सकते हैं। ध्यान रखें, असली लेदर को मोड़ने पर उसमें हल्की सिकुड़न के साथ रंग में भी बदलाव देखने को मिलता है। जबकि सिंथेटिक लेदर कड़ा होने के कारण आसानी से मुड़ता नहीं होता है, इसे मोड़ने पर इसमें क्रैक आ सकते हैं।

गंध से करें पहचान

असली लेदर में एक खास गंध होती है, जो जानवर की त्वचा की तरह होती है। जबकि नकली लेदर से रबर या प्लास्टिक जैसी गंध आती है।

सिलाई

असली लेदर के प्रोडक्ट्स में की गई सिलाई बहुत अच्छी होती है। जबकि नकली लेदर के उत्पादों में की गई सिलाई हल्की क्वालिटी की होती है।

फायर टेस्ट

असली चमड़ा जलाने पर हल्का काला होने के साथ उसमें से बालों की भी हल्की गंध आती है। जबकि नकली चमड़ा आग पकड़ लेता है और जलने पर प्लास्टिक जलने जैसी गंध देता है।

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