जानें 6 उपाय monsoon में अपच बचाव

Update: 2024-07-05 14:46 GMT
LIFESTYLE लाइफस्टाइल - बारिश के मौसम में पाचन से जुडी कई समस्याएं नियमित रूप से परेशान करना शुरू कर देती हैं। ऐसे में मॉनसून में डाइट (monsoon diet) का ध्यान रखना बहुत जरुरी है। खासकर इस दौरान ब्लोटिंग की समस्या का होना आम बात हैं और अधिकतर लोगों को इसका सामना करना पड़ता है। यह एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें पेट काफी ज्यादा भरा हुआ और टाइट महसूस होता है। मॉनसून में खाना पचाने में थोड़ी मुश्किल होती हैं इसलिए कई बार जब खाया हुआ खाना सही तरीके से पच नहीं पाता तो ब्लोटिंग होने लगती हैं। जिससे पेट में दर्द भी होने लगता है, ब्लोटिंग की समस्या को अपच भी कहा जाता हैं।बारिस में पेट की क्षमता से ज्यादा खाना भी ब्लोटिंग की समस्या को पैदा करता है। मॉनसून में अपच की समस्या से बचने के लिए भूख लगने पर ही खाना खाएं और बड़ी व हैवी मील्स की जगह स्मॉल मील्स को अपने आहार में शामिल कर लें।
बैक्टीरियल ग्रोथ
मानसून के दौरान नमी बढ़ जाती है और ज्यादा नमी के कारण बैक्टीरियल ग्रोथ बी बढ़ने लगती है। जिस कारण मॉनसून में हर कोई जल्दी बीमारी की झपेट में आ जाता हैं
इम्युनिटी कमजोर हो जाती है
मॉनसून में बदलाव के कारण तापमान में उतार-चढ़ाव बढ़ने लगता हैं। इस कारण इम्युनिटी कमजोर होने वालें लोगों में बीमारियों के संक्रमण का खतरा भी काफी बढ़ जाता हैं ऐसे लोगो को अपच की समस्या आम हो जाती हैं।
दूषित पानी और भोजन
मॉनसून में नियमित रूप से इस्तेमाल होने वालें पानी का दूशित होना आम बात है। जो टाइफाइड, हैजा और पाचन सम्बंधी बीमारियों के पैदा होने का कारण बन सकता है। दूषित पानी या भोजन के सेवन से संक्रमण का खता बढ़ जाता है।
फ्राइड फूड्स का कंसम्पशन
बारिश के मौसम सभी को तला हुआ खाना खाने की इच्छा होती है। बारिश में अधिक मात्रा में तला हुआ खाना खानें से अपच, ब्लोटिंग, पेट में दर्द और एसिडिटी की समस्या का होना आम है।
हाइजीन की कमी
मॉनसून के दौरान कीटाणुओं का खतरा बढ़ना स्वभाविक हैं। और बारिश के मौसम में स्ट्रीट स्टॉल्स को क्लीन रखना मुश्किल होता है, साथ ही चिपचिपे मौसम में हाइजीन मेंटेन न होने के कारण खाद्य पदार्थों पर बैक्टीरियल ग्रोथ बढ़ जाता है, और स्ट्रीट फूड के सेवन से पाचन संबंधी समस्याएं हो जाती हैं।
मॉनसून की डाइट में शामिल करें ये फूड्स
मानसून में अनाज, कद्दू, लौकी, तुरई, लहसुन और चावल, गेहूं, दाल का सूप को डाइट में शामिल करना बेहद फ़ायदेमंद साबित होगा। बारिश के मौसम में गर्म खाना खाएं। पाचन में सहायता के लिए प्रत्येक भोजन से कुछ न कुछ मिट्ठा जरुर खाएं।
मॉनसून डाइट में घी जरुर करें एड
घी में ब्यूटिरेट एसिड एंटी इंफ्लेमेटरी पदार्थ पाया जाता हैं। इसलिए अगर आंतों की परेशानी से परेशान है तो घी इसे दूर करने में आपकी मदद कर सकता हैं। घी डायजेस्टिव जूस को बढ़ाता है इसके सेवन से शरीर में पोषक तत्वों की कमी को पूरा किया जा सकता हैं।
कुछ खाद्य पदार्थों से रखें परहेज
मानसून में कुछ खाद्य पदार्थों जैसें- मछली और समुद्री भोजन, पत्तेदार सब्जियां, मसालेदार और तैलीय के सेवन को जितना हो सके सिमित रखें। क्योंकि इनके सेवन से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता हैं।
मानसून में गर्म ड्रिंक्स लें
बारिश के मौसम में जिता हो सकें ठण्डा पीने से परहेज करना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा गर्म ड्रिंक का सेवन करना चाहिए क्योंकि गर्म ड्रिंक से पाचन शक्ति मजबूत होती हैं। बारिश में खाली पेट अदरक का पानी, अजवाइन का पानी, जीरे का पानी, धनिया का पानी और दालचीनी के पानी पाचन स्वास्थ्य प्रणाली में कोई परेशानी नही आ पाएं गी।
तुलसी का करें इस्तेमाल
बारिश में जड़ी-बूटियों की रानी तुलसी के सेवन से चिंता, खांसी, अस्थमा, दस्त, बुखार, पेचिश, गठिया, नेत्र रोग, और अपच जैसीं बीमारियों से आसानी से राहत मिल सकती है। तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो आम मानसूनी बीमारियों से राहत दिलाने में मदद करते हैं।
अश्वगंधा, मुलेठी और त्रिफला का करें उपयोग
मानसून के दौरान त्रिफला का उपयोग क्लींजर और ब्लड प्यूरीफायर के रूप में किया जाता है। अश्वगंधा और DIET मुलेठी में कई प्राकृतिक गुण होते हैं। जो मानसूनी बीमारियों से बचाव के लिए बेहद प्रसिद्ध है।
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