जानिए प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं में क्यों होती है एलर्जी
गर्भावस्था के दौरान करीब 25 फीसदी महिलाओं को एलर्जी की समस्या होती है. यदि
गर्भावस्था के दौरान करीब 25 फीसदी महिलाओं को एलर्जी की समस्या होती है. यदि आपको गर्भावस्था से पहले एलर्जी हो चुकी है तो प्रेगनेंसी टाइम पर इसके होने की संभावना और ज्यादा बढ़ जाती है. जानिए इसकी वजह, लक्षण और उपाय.
गर्भावस्था के दौरान एलर्जी का कोई स्पष्ट कारण नहीं तो नहीं है, लेकिन अक्सर नॉन एलर्जिक चीजों के प्रति हाइपरसेंसिटिविटी को इसकी वजह माना जाता है. कुछ मामलों में ये परेशानी आनुवांशिकता के कारण भी हो सकती है. इसके अलावा मौसम बदलने की वजह से भी एलर्जी की दिक्कत हो सकती है.
ये लक्षण आते सामने
1. मौसम के प्रभाव से नाक बहने, कंजेस्शन, छींक, सिर में भारीपन या दर्द, बुखार और आंखों में खुजली जैसे लक्षण हो सकते हैं.
2. कुछ महिलाओं को खाने की चीजों से एलर्जी होती है. ऐसे में त्वचा लाल होने या खुजली की परेशानी हो सकती है. साथ ही इससे कभी-कभी चेहरे पर सूजन भी आ सकती है.
ऐसे होती है एलर्जी की पहचान
विशेषज्ञ लक्षणों के आधार पर एलर्जी की जांच कराते हैं. इस दौरान संभावित एलर्जेंस को चुनकर त्वचा पर पैच बनाकर इंजेक्ट किया जाता है. रिएक्शन के आधार पर विशेषज्ञ एलर्जी की स्थिति को स्पष्ट करते हैं.
क्या करें
1. नियमित रूप से व्यायाम और प्राणायाम करें. प्राणायाम से मौसम की वजह से हुई एलर्जी में जल्दी आराम होता है.
2. नीलगिरी के तेल में चिकित्सीय गुण होते हैं जिससे सीने की जकड़न और नेजल कंजेशन कम होता है. आप इसे पानी में डालकर भाप भी ले सकती हैं.रात में सांस लेने में समस्या से बचने के लिए इसकी बूंदों को बिस्तर, चादर व तकिए में छिड़क दें.
3. हल्दी एक नेचुरल एंटीसेप्टिक है. हल्दी के पानी की भांप लेने से नाक की सूजन कम हो जाती है.
4. एलर्जी उत्पन्न करने वाली चीजों को पहचानें और उन चीजों से दूरी बनाएं. इससे आपकी समस्याएं कम हो सकती हैं. पॉलन, गंदगी और जानवरों के बालों से भी एलर्जी हो जाती है इसलिए इनसे भी दूर रहें.
5. गद्दे, बिस्तर साफ रखें. हफ्ते में एक बार गर्म पानी में चादरों को धोएं और अगर आपको धूल से एलर्जी है, तो खिड़कियां दरवाज़ों को बंद रखें.
6. दिन में घर से बाहर कम निकलें. सिर के बालों को साफ रखें. धुएं, तेज गंध से दूर रहें.