जानें भारत में कौन सी हैं, वो जगहें जहां खुद भारतीयों का जाना पूरी तरह से बैन और विदेशी पर्यटकों का स्वागत
इन जगहों पर खुद भारतीयों का जाना पूरी तरह से बैन है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारतीय लोगों को देश-विदेश में घूमना बहुत पसंद होता है. भारत में घूमने की ऐसी कई जगह मौजूद हैं जहां जाकर लोग खूब मजे करते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में ही कई ऐसी जगहें हैं जहां खुद भारतीयों का जाना पूरी तरह से बैन है. हालांकि उन जगहों पर विदेशी पर्यटकों का दिल खोलकर स्वागत किया जाता है. इन खास जगहों पर बैन की वजह से भारतीय अपने ही देश में कई इलाकों पर घूम नहीं पाते हैं. हालांकि विदेशी पर्यटकों के लिए ये जगहें हमेशा खुली रहती हैं. आइए जानते हैं कौन सी हैं वो जगहें.
गोवा का ओन्ली फॉरेनर्स बीच
गोवा के ओन्ली फॉरेनर्स बीच पर भारतीयों के जानें पर सख्त मनाही है. गोवा की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से पर्यटन पर निर्भर है, जिसका बड़ा हिस्सा विदेशी पर्यटकों से आता है. कहा जाता है कि यहां कई ऐसे समुद्री बीच हैं जहां सिर्फ विदेशी पर्यटकों को ही एंट्री दी जाती है. भारत के देसी पर्यटकों का इन बीचों पर जाना पूरी तरह से बैन है. इसकी वजह विदेशी पर्यटकों की शांति में खलल डालने से रोकना है
अंडमान-निकोबार का नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड
अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के एक द्वीप नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड में सिर्फ आदिवासी निवास करते हैं. यह द्वीप बाहरी दुनिया से संपर्क नहीं रखता है. इस द्वीप पर बाहर से आए हुए किसी भी व्यक्ति का जाना वर्जित है.
हिमाचल प्रदेश में कसोल इलाके का फ्री कैफे
हिमाचल प्रदेश के कसोल में फ्री कसोल कैफे बना हुआ है. उस कैफे का संचालन इजराइली मूल के लोग करते हैं. वहां पर भारतीय पर्यटकों का जाना बैन है. कैफे के संचालकों का कहना है कि वह केवल अपने मेंबर्स को ही भोजन और स्नैक्स सर्व करते हैं. इस मुद्दे पर कई बार विवाद भी हो चुका है लेकिन अर्थव्यवस्था में विदेशी पर्यटकों के बड़े हिस्से को देखते हुए सरकार इस मामले में ज्यादा कड़ाई नहीं करती.
चेन्नई का रेड लॉलीपॉप हॉस्टल
चेन्नई में रेड लॉलीपॉप हॉस्टल में केवल विदेशी पर्यटकों को एंट्री दी जाती है. होटल प्रबंधकों के अनुसार वह केवल पहली बार भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों को ही सेवा प्रदान करते हैं. भारतीय पर्यटकों को हॉस्टल अपनी सुविधाएं नहीं देता. इस हॉस्टल में एंट्री पासपोर्ट देखकर ही दी जाती है.
बंगलुरु का यूनो-इन-होटल
बंगलुरु शहर के यूनो-इन नाम के एक होटल में भी भारतीय लोगों के जाने पर रोक थी. होटल में केवल जापान के लोगों को ही एंट्री दी जाती थी. इस होटल को साल 2012 में बनाया गया था. इसके बाद जब होटल पर नस्लीय भेदभाव के आरोप लगे तो करीब 2 साल बाद इसे बंद कर दिया गया.