जानिए राजमा चावल खाने की सही विधि

जरूर ट्राई करें डायटीशियन का तरीका

Update: 2022-02-27 15:06 GMT
घर के बने राजमा-चावल ज्यादातर लोगों का पसंदीदा भोजन होते हैं. खासतौर पर शाकाहारी लोग तो राजमा-चावल के दीवाने होते हैं. हालांकि राजमा-चावल खाने के बाद बहुत से लोगों को गैस बनने, पेट में भारीपन या ब्लोटिंग यानी पेट फूलने की समस्या महसूस होने लगती है. यदि आपके साथ भी ऐसी कोई समस्या है तो हम आपके लिए डायटीशियन लवलीन कौर द्वारा बताई गई ऐसी ट्रिक लेकर आए हैं, जिसे ट्राई करने के बाद आपको ऐसी कोई समस्या नहीं होगी.
डायटीशियन यानी आहार विज्ञ लवलीन कौर कहती हैं कि राजमा बनाने का पारंपरिक तरीका है कि इसे बनाने से पहले एक रात के लिए पानी में भिगोकर रखा जाता है. दरअसल यह सिर्फ राजमा पकाने की विधि नहीं है बल्कि एक वैज्ञानिक तरीका है, जिसके जरिए राजमा में मौजूद एसिडिक प्रॉपर्टीज को कम किया जाता है.
लवलीन कहती हैं कि रात को भिगोकर रखने से राजमा का एसिडिक कॉन्टेंट कम हो जाता है. राजमा में एसिडिक प्रॉपर्टीज बहुत हाई होती हैं, जिससे इसे खाने के बाद पाचन संबंधी समस्याएं हो जाती हैं. इसलिए राजमा को बनाने से पहले रातभर के लिए पानी में भिगोकर रख देना चाहिए.
डायटीशियन की स्पेशल ट्रिक
राजमा को रातभर के लिए तो भिगोकर रखना ही है. इसे पानी में भिगोते समय सुबह इस पानी को निकालकर और राजमा को अच्छी तरह धोकर फिर से साफ पानी में भिगोकर रखें और इस बार पानी के साथ कड़ी पत्ता, हल्दी, कसा हुआ अदरक और हींग डालकर दो घंटे के लिए भिगोकर रखें.
फिर इसी पानी के साथ राजमा को कम से कम 15 मिनट के लिए पकाएं. राजमा में तड़का लगाते समय तड़के में नमक ना डालें बल्कि जब तड़का पक जाए तब नमक डालें. इस तरह से नमक डालने पर भी आपको एसिडिटी और ब्लोटिंग की समस्या नहीं होगी.
लवलीन कहती हैं कि राजमा को हमेशा पूरी तरह पकाकर ही खाना चाहिए. अगर ये कच्चे रह जाते हैं तो पेट में एसिडिटी या अन्य समस्याओं की वजह बन सकते हैं. इसलिए इन्हें सही तरीके से पकाकर खाना जरूरी होता है, फिर चाहे आप राजमा चावल खाएं या फिर राजमा की चाट खाएं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की जान ता से रिश्ता न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें.  
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