जानिए तिरंगे के रंगों का ज्योतिष कनेक्शन, क्या कहता है हर रंग
क्या कहता है हर रंग
इस साल कल यानी दिनांक 15 अगस्त के दिन भारत अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। यह दिन भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष, बलिदान, आत्मसम्मान और दृढ़ संकल्प का प्रतीक माना जाता है। जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना सबकुछ बलिदान कर दिया। आज हम अनगिनत वीर सपूतों की कुर्बानी की वजह से ही आजाद भारत में सांस ले पा रहे हैं। भारतवासी होना हम सभी के लिए गौरव की बात है। आजादी के खास दिन को सेलिब्रेट करने के लिए इस दिन तिरंगा झंडा फहराया जाएगा। कई लोग केसरिया, सफेद और हरे की लिबास में सजे हुए नजर आएंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं, कि ज्योतिष शास्त्र में भी तिरंगा के तीन रंगों का विशेष महत्व बताया गया है।
इन रंगों का देश की तरक्की करने में सबसे बड़ा योगदान है। वहीं हर रंग का अपना एक अलग महत्व होता है। जिसका संबंध अलग-अलग ग्रहों से माना जाता है। अब ऐसे में तिरंगे के तीन रंगों का व्यक्ति के जीवन पर क्या असर देखने को मिलता है। इसके बारे में विस्तार से जानेंगे। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से जानते हैं कि तिरंगे के तीन रंगों का क्या महत्व है और इसका व्यक्ति के जीवन से क्या संबंध है।
जानें ज्योतिष के हिसाब से तिरंगे में केसरिया रंग का मतलब
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार केसरिया रंग शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इसका संबंध ग्रहों के राजा सूर्यदेव (सूर्यदेव मंत्र) से है। वहीं सूर्यदेव को आत्मा, विश्वास और तेज का कारक माना जाता है। इसलिए केसरिया रंग व्यक्ति को आत्मनिर्भरता का संदेश देता है। इसके उगते हुए सूरज का रंग भी कहा जाता है। जो धरती के हर एक कोने में नई ऊर्जा का संचार करता है। वहीं इसका केसरिया रंग का संबंध लोकतंत्र की मजबूती को भी दर्शाता है। क्योंकि लोकतंत्र लोगों द्वारा चुनी गई सरकार से चलता है और ज्योतिष के हिसाब से सरकार के काम और नेतृत्व भी केसरिया रंग ही करता है। इसका संबंध गुरु से भी माना जाता है। जो धर्म और त्याग के प्रतीक माने जाते हैं।
जानें ज्योतिष के हिसाब से तिरंगे में सफेद रंग का मतलब
सफेद रंग शांति और सम्मान की प्रतीक माना जाता है। वहीं चंद्रमा को सफेद रंग का प्रतिनिधि भी माना गया है। इसका संबंध शुक्र ग्रह से भी है। जो मन, ममता, प्रेम, शांति का कारक ग्रह माना जाता है। वहीं शुक्र को सौंदर्य, कला और भौतिकता का कारक माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के हिसाब से भारत के तिरंगे में सफेद रंग शांति और आपसी प्रेम बनाए रखने का भी संदेश देता है। सफेद रंग रचनात्मक और कलात्मक क्षेत्रों में आगे बढ़ने का भी संदेश देता है।
जानें ज्योतिष के हिसाब से तिरंगे में हरे रंग का मतलब
ज्योतिष की माने तो, तिरंगे में मौजूद हरा रंग हरियाली और सुख-संपन्नता का प्रतीक माना जाता है। इस रंग का संबंध बुध ग्रह से है। बुध ग्रह (बुध ग्रह उपाय) को तकनीक, क्षमता, व्यवसाय आदि का कारक माना जाता है। ये सफल राष्ट्र को भी दर्शाता है। हरा रंग प्रकृति के प्रति आभार, कुशल, सौभाग्य और बुद्धि को मजबूत करने का संदेश देता है।
जानें ज्योतिष के हिसाब से तिरंगे में नीले रंग का मतलब
तिरंगे के बीच नीले रंग का चक्र मौजूद है। वहीं ज्योतिष के अनुसार नीला रंग शनिदेव से संबंधित है और इन्हें जनता का कारक भी माना जाता है। नीला रंग जनता के सहयोग और हमेशा आगे बढ़ने भी संदेश देता है।
तिरंगे में मौजूद तीन रंगों का ज्योतिष से क्या संबंध है। इसके बारे में जानें और अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
हमारा राष्ट्रीय ध्वज किसने डिजाइन किया था?
हमारा राष्ट्रीय ध्वज,पिंगली वेंकैया ने साल 1921 में डिजाइन किया था। इसके लिए उन्होंने कई साल तक अध्ययन किया था।
तिरंगे में तीन रंग किस बात का प्रतीक हैं?
हमारे तिरंगे में में केसरिया रंग 'शक्ति और साहस' का प्रतीक है। वहीं, सफेद रंग शांति और सच्चाई का और हरा रंग धरती की उर्वरता और समृध्दि का प्रतीक है। इसके अलावा बीच में बना अशोक चक्र जीवन में गतिशीलता का संदेश देता है।