जानिए साइलेंट हार्ट अटैक, कैसे होता है ये खतरनाक

ये नजरअंदाजी ही कई बार जानलेवा साबित हो जाती है। इसलिए जरूरी है कि अटैक आने के कारण, लक्षण और बचने के उपाय को जरूर जाना जाए।

Update: 2022-05-21 09:22 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। साइलेंट हार्ट अटैक में कई बार यह समझ ही नहीं आता कि ये हार्ट अटैक है। कई बार इसे लक्षण तक नजर नहीं आते और अचानक से आदमी दर्द से बैचेन हो उठता है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि साइलेंट अटैक ज्यादा खतरनाक होते हैं। इसलिए अटैक के सभी लक्षणों के बारे में जानना बहुत जरूरी होता है। कई बार सीने में होने वाले दर्द या बेचैनी को हम या तो इग्नोर कर देते हैं या उसे किसी अन्य समस्या का कारण मान बैठते हैं। ये नजरअंदाजी ही कई बार जानलेवा साबित हो जाती है। इसलिए जरूरी है कि अटैक आने के कारण, लक्षण और बचने के उपाय को जरूर जाना जाए।

साइलेंट हार्ट अटैक भी देता है संकेत, पहचानना है जरूरी

शरीर में ब्लड के जर‍िए ऑक्सीजन कोने-कोने में जाती हैं लेकिन इसे पहुंचाने का काम हार्ट करता है। लेकिन कई बार कोलेस्ट्रॉल के रूप में फैट हार्ट की धमनियों में ऐसा जमा होने लगता है कि ब्लड सर्कुलेशन रुकने लगता है। इससे हार्ट को या तो ज्यादा दुगनी गति से पंप करना पड़ता है या हार्ट पर इतना दबाव पड़ता है कि वो फेल हो जाता है। कुछ सेकंड्स में यदि स्थित सामान्य न हो तो आदमी की मौत हो जाती है। पांव का ठंडे रहना हो सकती है हाई कोलेस्‍ट्रॉल की समस्‍या, जानें इसके लक्षण

दिल तक ऑक्सीजन क्यों नहीं पहुंच पाता

जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने लगता है तो ब्लड़ भी गाढ़ा होने लगता है। इससे धमनियों में ब्लड सर्कुलेशन सही तरीके से नहीं हो पाता। धमिनियों में प्लाक जमने से ये ब्लॉक होने लगती हैं। इससे ब्लड का फ्लो सही नहीं होता। हालांकि कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का संकेत शरीर दे रहा होता है। जब आपको सीने में दर्द महसूस हो, बेचैनी या दिल की धड़कन अचानक से तेज हो जाए तो समझ लें कि कुछ न कुछ शरीर में गड़बड़ी हो रही है। क्योंकि इन समस्याओं का सीधा असर हार्ट पर ही पड़ता है। कार या फ्रिज जैसी जगहों पर में दवाईयां रखने से हो सकती हैं बेअसर, जानें स्‍टोर करने का सही तरीका और टेम्‍परेचर

क्यों पता नहीं चलता है हार्ट अटैक के दर्द का?

कई बार ब्रेन तक दर्द का अहसास पहुंचाने वाली नसों या स्पाइनल कॉर्ड में प्रॉब्लम के कारण या फिर साइकोलॉजिकल कारणों से व्यक्ति दर्द की पहचान नहीं कर पाता। इसके अलावा ज्यादा उम्र वाले या डायबिटीज के पेशेंट्स में ऑटोनॉमिक न्यूरोपैथी के कारण भी दर्द का अहसास नहीं होता है।

साइलेंट हार्टअटैक के 5 लक्ष

1. गैस्ट्रिक प्रॉब्लम, पेट की खराबी

2. बिना वजह सुस्ती और कमजोरी

3. थोड़ी सी मेहनत में थकान लगना

4. अचानक ठंडा पसीना आना

5. बार-बार सांस फूलना पेट्स मेडिटेशन से स्‍ट्रेस से मिलती है मुक्ति और क्रिएटिविटी में होता है सुधार,

साइलेंट हार्ट अटैक के 5 कारण

1. ज्यादा ऑयली, फैटी और प्रोसेस्ड फूड

2. फिजिकल एक्टिविटी न करना

3. शराब और सिगरेट पीना

4. डायबिटीज और मोटापा

5. स्ट्रेस और टेंशन

साइलेंट हार्ट अटैक से बचाव के 5 उपाय

1. डाइट में सलाद, वेजिटेबल्स, ज्यादा शामिल करें।

2. रेग्युलर वॉक, एक्सरसाइज, योगासन करें।

3. सिगरेट, शराब जैसे नशे से दूर रहें।

4. खुश रहें। स्ट्रेस और टेंशन से बचें।

5. रेग्युलर मेडिकल चेक-अप करवाएं।



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