जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हल्दी भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न अंग है। जो भोजन में रंग और स्वाद जोड़ने से लेकर घर के बने मिश्रणों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और भारतीय अनुष्ठानों का एक अविभाज्य हिस्सा बनने तक कई तरह से काम आती है। पीढ़ी दर पीढ़ी हमें हल्दी के कई फायदों के बारे में बताया जाता है। लेकिन अगर हम कहें कि इस फायदेमंद औषधि के नुकसान भी हो सकते हैं, तो? खासतौर पर यह किडनी और लिवर के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है। तो आइए जानें इसके बारे में विस्तार से...
क्या करक्यूमिन हानिकारक भी हो सकता है?
हल्दी में मौजूद करक्यूमिन ही इसे एक सुपरफूड बनाता है। दर्द को ठीक करने से लेकर इम्यूनिटी बूस्ट कर संक्रमण को दूर रखने तक, यह मसाला हर तरह की दिक्कत को ठीक कर सकता है। हालांकि, अगर हल्दी का सेवन ज़रूरत से ज़्यादा कर लिया जाए, तो यह शरीर को कई तरह से नुकसान भी पहुंचा सकती है।
किडनी को कैसे प्रभावित करती है हल्दी?
करक्यूमिन तब नुकसान कर सकता है, जब इसे ज़रूरत से ज़्यादा लिया जाए। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें ऑक्सालेट की उच्च मात्रा होती है, जो किडनी स्टोन्स और इस अंग के काम में ख़लल डालने का काम कर सकता है। इसके अलावा करक्यूमिन की तासीर गर्म होती है, जिससे दस्त, पाचन में दिक्कत जैसी अन्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इसके अलावा, हल्दी का ज़्यादा सेवन रक्त को पतला भी कर सकता है।
क्या ज़्यादा हल्दी लिवर की सेहत पर भी असर करती है?
हल्दी में मौजूद करक्यूमिन सूजन को कम करने का काम करता है और फाइबरॉइड्स को बढ़ने से रोकता है। हल्दी की एंटी-कैंसर गुण इसे लिवर के लिए फायदेमंद बनाते हैं, लेकिन तभी जब इसका सेवन सही मात्रा में किया जाए। ज़रूरत से ज़्यादा हल्दी लिवर के काम में बाधा डालती है।
दिनभर में हल्दी की कितनी मात्रा सही है?
हेल्थ विशेषज्ञों के अनुसार, हल्दी का दैनिक सेवन 2000 मिलीग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए। दिन में कम से कम 500 एमजी के स्वस्थ सेवन को सुनिश्चित करना चाहिए।