गर्भावस्था से पहले रखें इन बातों का ध्यान, होगा स्वस्थ शिशु का जन्म
स्वस्थ शिशु के जन्म और गर्भवती महिलाओं के अच्छे स्वास्थ्य के लिए गर्भधारण के पहले से ही उन्हें अपनी सेहत के बारे में अच्छी तरह जानना बेहद जरूरी है। गर्भधारण करने से पहले अगर महिलाओं को उनकी सेहत, खान-पान, जांच और मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग दी जाए तो इससे उन्हें कम वजनी शिशु पैदा होने का खतरा एक चौथाई तक कम हो सकता है।
स्वस्थ शिशु के जन्म और गर्भवती महिलाओं के अच्छे स्वास्थ्य के लिए गर्भधारण के पहले से ही उन्हें अपनी सेहत के बारे में अच्छी तरह जानना बेहद जरूरी है। गर्भधारण करने से पहले अगर महिलाओं को उनकी सेहत, खान-पान, जांच और मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग दी जाए तो इससे उन्हें कम वजनी शिशु पैदा होने का खतरा एक चौथाई तक कम हो सकता है।
अगर महिलाएं इसका सही से पालन करें तो उम्र के हिसाब से नवजात की लंबाई कम होने का खतरा भी लगभग आधा रह जाता है। यह जानकारी सफदरजंग के एक ताजा अध्ययन में सामने आई है। बता दें कि यह अध्ययन फेमस ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित हुआ है। अध्ययन में सफदरजंग अस्पताल के अलावा सोसाइटी फॉर एप्लाइड स्टडीज संस्थान और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी मिलकर काम किया है।
13500 महिलाओं पर अध्ययन किया अध्ययन में 13500 महिलाओं को शामिल किया गया। इन्हें बराबर की संख्या में अलग-अलग समूह में बांटा गया। एक समूह की महिलाओं को गर्भ धारण करने से पहले ही विशेष काउंसलिंग दी गई और गर्भ के दौरान भी उन्हें कई बार बुलाकर पोषण, मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग आदि के रूप में मदद की गई। दूसरे समूह की महिलाओं का सामान्य तरीके से इलाज किया गया। इसके बाद दोनों समूह में गर्भवती होने वाली महिलाओं के बच्चों को भी अलग समूह में रखा गया और इनके बच्चों की सेहत देखी गई। इसमें पता चला कि जिनको गर्भ से पहले और गर्भ के समय मदद मिली थी, उस समूह की महिलाओं के बच्चों का कम वजन का खतरा 24 फीसदी और उम्र के हिसाब से कम लंबाई का खतरा 50 फीसदी तक कम हो गया था।
इस दौरान महिलाओं को कैल्शियम, आयरन और फॉलिक एसिड की जांच, इनकी अधिक मात्रा वाला भोजन, जरूरत पड़ने पर सप्लीमेंट लेना सहित गर्भ से पहले मानसिक स्वास्थ्य कैसे ठीक रखें, काउंसलिंग के रूप में मदद की गई थी।
गर्भावस्था से पहले रखें इन बातों का ध्यान-
गर्भधारण के कम से कम 3 माह पहले से रोजाना भोजन में आहार में कैल्शियम, आयरन और प्रोटीन की मात्रा बढ़ाएं।
स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें कि पति-पत्नी को बचपन में लगाए जाने वाले सारे टीके लग चुके हैं या नहीं?
अगर किसी स्त्री को रूबेला का टीका नहीं लगा हो तो गर्भ से पहले लगवाना जरूरी होता है।
गर्भधारण से पहले पति-पत्नी दोनों को थैलेसीमिया की जांच जरूर करवानी चाहिए।