Infertility Problems: नहीं बन पा रही हैं मां, ये बातें खराब कर सकती हैं आपकी जिंदगी
पीसीओएस और सर्विक्स से जुड़ी परेशानियों से लेकर पुरुषों के स्पर्म की खराब क्वालिटी और पिट्यूटरी ग्लैंड से संबंधी विकारों की वजह से हजारों कपल्स इनफर्टिलिटी से जूझ रहे हैं।
पीसीओएस और सर्विक्स से जुड़ी परेशानियों से लेकर पुरुषों के स्पर्म की खराब क्वालिटी और पिट्यूटरी ग्लैंड से संबंधी विकारों की वजह से हजारों कपल्स इनफर्टिलिटी से जूझ रहे हैं। जितना मुश्किल इनफर्टिलिटी से जूझना है, उससे कई ज्यादा मुश्किल है इसे स्वीकार करना। आजकल कई महिलाएं इनफर्टिलिटी से परेशान हैं और कई घरेलू नुस्खे और तरीके अपनाने के बावजूद भी कंसीव नहीं कर पा रही हैं।
अगर आप भी इस तरह की परेशानी से जूझ रही हैं, तो आपको कुछ काम बिल्कुल नहीं करने चाहिए।
शर्मिंदगी न समझें
इनफर्टिलिटी मानसिक और शारीरिक रूप से थका देता है। लंबे समय से कंसीव करने की कोशिश कर रहे कपल्स के लिए यह एक बड़ी चुनौती हो सकती है। ऐसी स्थिति में दोनों पार्टनर एक-दूसरे को सपोर्ट करें और खुद को समझाएं कि आपने अपना बेस्ट दिया है।
इनफर्टिलिटी कोई शर्मिंदगी की बात नहीं है और ये किसी के भी साथ हो सकता है। ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस यानि एम्स के अनुसार भारत में लगभग 12 से 18 मिलियन कपल्स हर साल इनफर्टिलिटी का शिकार हो रहे हैं। सिर्फ महिलाओं ही नहीं बल्कि पुरुषों में भी बड़ी संख्या में इनफर्टिलिटी हो रही है।
दूसरों से तुलना करना
इनफर्टिलिटी होने पर आप अपने साथ सबसे गलत चीज यही करते हैं कि दूसरों के साथ खुद की तुलना कर बैठते हैं। हो सकता है कि कोई पहली बार ट्राई करने में ही प्रेगनेंट हो जाए जबकि कुछ कपल्स को 5 से 6 बार ट्राई करने के बाद आईवीएफ का सहारा लेना पड़ता है।
इसलिए अपनी बॉडी और प्रेग्नेंसी के सफर को दूसरों के साथ न तोलें। आप अपनी तरफ से भरपूर कोशिश करें और मेंटली स्ट्रेस न लें।
खुद को ब्लेम न करें
इनफर्टिलिटी एक नैचुरल प्रॉब्लम है जो किसी भी उम्र में महिला और पुरुष को हो सकती है। खुद को अकेला कर लेना और सारा दोष खुद पर डाल लेना आपको सिर्फ दुख देगा।
आप इस बारे में जितना ज्यादा सोचेंगे, उतना ही ज्यादा खुद को दुख पहुंचाते रहेंगे। इसे एक नैचुरल प्रक्रिया की तरह समझें और अपने डॉक्टर से सलाह लेते रहें।
दो हफ्ते की साइकिल की चिंता
अगर आप कंसीव करने की कोशिश कर रही हैं, तो आपको अपने मासिक धर्म और प्रेग्नेंसी डेट को लेकर बहुत कैलकुलेशन करनी होगी। आमतौर पर महिलाओं को ओवुलेशन के लिए दो हफ्ते का इंतजार करना होता है और फिर इसके दो हफ्ते बाद प्रेग्नेंसी टेस्ट करना होता है।
अब आप ऐसा न करें कि आपकी पूरी दुनिया बस इसी बात के चारों ओर घूमती रहे वरना इसका बुरा असर आपकी रोजमर्रा की जिंदगी पर भी पड़ सकता है।
अपनी जिंदगी को स्वीकार करें
इनफर्टिलिटी की वजह से खुद को कमजोर बनाने की बजाय जो भी आपके रास्ते में आ रहा है, उसे स्वीकार करें। आप प्रेगनेंट होने के अलग-अलग तरीके अपना सकती हैं और आजकल तकनीक ने इतनी तरक्की कर ली है कि आप भी किसी न किसी की मदद से प्रेगनेंट हो जाएंगी। अगर आईवीएफ का नहीं किया तो सरोगेसी आपकी मदद कर सकती है।