देर रात मोबाइल यूज करने से हो रही नपुंसकता, स्पर्म क्वालिटी पर पड़ रहा है असर

Update: 2022-05-26 06:57 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Reasons For Male Infertility: कई शादीशुदा पुरुष अपने मैरिड लाइफ से खुश नहीं हैं क्योंकि कम उम्र में ही वो नपुंसकता के शिकार हो जाते हैं जिससे उन्हें पिता बनने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में उन्हें कुछ आदतों को तुरंत बदल देना चाहिए जो उनकी फर्टिलिटी को नुकसान पहुंचा रही है.

देर रात मोबाइल यूज करने से हो रही नपुंसकता
ज्यादातर पुरुषों को देर रात तक मोबाइल फोन और लैपटॉप यूज करने की आदत होते हैं, जो उनकी सेहत के लिए नुकसानदेह है. एक रिसर्च में ये बात सामने आ चुकी है कि इन गैजेट्स से निकलने वाली ब्लू लाइट मर्दों की स्पर्म क्वालिटी को नुकसान पहुंचा रही है. ये स्टडी अमेरिका की वर्चुअल स्लीप मैगजीन में छपी थी जिसमें 21 से 59 की उम्र के 116 मर्दों के स्पर्म सैंपिल लिए गए थे, ये सभी लोग इवैल्युएशन से गुजर रहे थे. इनसे स्लीप टाइमिंग और मोबाइल, लैपटॉप के इस्तेमाल के बारे में पूछा गया.
गैजेट्स की ब्लू लाइट नुकसानदेह
इस रिसर्च में ये बात सामने आई कि रात के वक्त इन इलेक्ट्रोनिक गैजेट्स से निकलने वाली ब्लू लाइट का रिश्ता स्पर्म क्वालिटी के खराब होने से है. फोन का रेडिएशन मेल फर्टिलिटी पर बुरा असर डालता है. यही वजह है कि सोने के समय इन चीजों का इस्तेमाल जितना कम कर सकें उतना ही अच्छा है.
स्पर्म क्वालिटी पर पड़ रहा है असर
इस रिसर्च में ये पाया गया है कि मोबाइल और लैपटॉप से आने वाली शॉर्ट-वेवलेंथ लाइट का संपर्क बॉडी से जितना ज्यादा होता है इमोटाइल स्पर्म की मात्रा उतनी ज्यादा बढ़ जाती है. बेहतर स्पर्म काउंट का सीधा संबंध अच्छी और वक्त पर नींद लेने से पाया गया है. इसका मतलब ये हुआ कि जो मर्द वक्त पर सोते हैं और रात में इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का इस्तेमाल कम करते हैं, उनकी फर्टिलिटी बेहतर रहती है.


क्या कहते हैं आकड़े?
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक सामान्य आबादी में में मर्दों की नपुंसकता की दर 20 से 40 फीसदी तक है. भारत में मेल इनफर्टिलिटी रेट करीब 23 फीसदी है. स्टडी में ये बात सामने आई है कि इसका बड़ा कारण मोबाइल और लैपटॉप से निकलने वाले रेडिएशन हैं.


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