अगर आप भी मोबाइल और लैपटॉप का करते है जयादा इस्तमाल तो हो सकता है ड्राई आइज का खतरा

Update: 2023-05-25 18:28 GMT

लाइफस्टाइल: हमारी खराब लाइफस्टाइल को कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जोड़कर देखा जाता रहा है। यह हृदय रोगों-डायबिटीज से लेकर न्यूरोलॉजिकल समस्याओं और आंखों के लिए भी दिक्कतें बढ़ाने वाली हो सकती है। ड्राई आइज यानी आंखों का सूखापन ऐसी ही एक समस्या है जिसका जोखिम काफी तेजी से बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, आंखों की इस समस्या पर अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो इससे कोशिकाओं को गंभीर क्षति होने के साथ हमेशा के लिए रोशनी जाने का खतरा भी हो सकता है।

ड्राई आइज की दिक्कत तब होती है जब आपकी आंखें पर्याप्त मात्रा में आंसू का उत्पादन नहीं कर पाती हैं, इस कारण से आंखों की नमी कम होने लगती है। ऐसी स्थिति आंखों में असहजता का कारण बन सकती है और कुछ मामलों में इससे दृष्टि संबंधी समस्याएं होने का भी खतरा रहता है।

 ड्राई आइज से आंखों में संक्रमण और अल्सर तक का खतरा

यदि आपको ड्राई आइज की समस्या है तो इसका समय रहते उपचार किया जाना बहुत आवश्यक है। ड्राई आइज के कारण आपको आंखों में सूखापन, किरकिरा या जलन, लालिमा या दर्द महसूस हो सकता है। अगर समय रहते इस विकार का इलाज न किया जाए तो इससे संक्रमण और अल्सर तक का खतरा बढ़ जाता है।

इंफेक्शियस केराटाइटिस, आंख की कॉर्निया में होने वाला एक संक्रमण है, जिसे ड्राई आइज के जोखिम कारक के रूप में जाना जाता है। अपर्याप्त आंसू के कारण इस संक्रमण का खतरा होता है। इसी तरह ड्राई आइज के कारण अल्सर भी हो सकता है। कॉर्नियल अल्सर आंख की सामने की सतह पर होने वाल घाव है, जिससे अंधापन हो सकता है।

लाइफस्टाइल की कुछ आदतों को ड्राई आइज की समस्या को बढ़ाने वाला पाया गया है।

लैपटॉप-मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल से बढ़ रही है समस्या

लैपटॉप-मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल से न सिर्फ स्क्रीन टाइम और इससे होने वाली दिक्कतें बढ़ती हैं साथ ही इसे ड्राई आइज का भी कारण माना जाता है। डिजिटल डिवाइस की स्क्रीन पर देखते रहने से हमारी ब्लिंक दर 66% तक कम हो जाती है। पलकें कम झपकने से ड्राई आई सिंड्रोम विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है। आंखों को तरोताजा और स्वस्थ महसूस कराने में पलक झपकना जरूरी है। इसके अलावा इन डिवाइस से निकलने वाली नीली रोशनी के कारण भी ड्राई आइज का जोखिम हो सकता है।

 गर्मियों में एसी का अधिक इस्तेमाल भी नुकसानदायक

एयर कंडीशनर और हीटर दोनों को ड्राई आइज की समस्या को बढ़ाने वाला पाया गया है। ये उपकरण आपके आसपास की हवा में नमी की मात्रा को काफी कम कर देते हैं। ऐसे में न सिर्फ ड्राई आइज होने का जोखिम बढ़ जाता है साथ ही जिन लोगों को पहले से ही ये दिक्कत है उनमें इसकी जटिलताएं और भी बढ़ सकती हैं।

 ड्राई आइज की समस्या से बचाव कैसे करें?

नेत्र रोग विशेषज्ञ कहते हैं, अपनी आंखों को स्वस्थ रखने के लिए निरंतर प्रयास करें। आहार, लाइफस्टाल को ठीक रखने के साथ पलकों को झपकाने जैसे अभ्यास आपकी आंखों को स्वस्थ रखने में मददगार हो सकते हैं।

धुंआ, हवा और एयर कंडीशनिंग से बचने की कोशिश करें।

स्क्रीन टाइम को कम करें।

जब आप बाहर हों तो रैपराउंड धूप का चश्मा पहनें।

खूब पानी पिएं- हर दिन 8 से 10 गिलास पानी पीने की कोशिश करें।

बिना डॉक्टरी सलाह के आंखों में किसी आई ड्राप का इस्तेमाल न करें।

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