कैसे करें असली और नकली बेसन की पहचान
भारत में खाने और खिलाने दोनों तरह के लोग पाए जाते हैं। कुछ खाना खिलाने के शौकिन होते हैं
भारत में खाने और खिलाने दोनों तरह के लोग पाए जाते हैं। कुछ खाना खिलाने के शौकिन होते हैं तो कुछ खाने के। हमारे देश में खाने की इतनी वेराइटी है जितनी शायद ही कहीं और पाई जाती हो। भारत की तरह यहां का खाना भी पूरी दुनिया में मशहूर है। इतना ही नहीं यहां के लोगों की ज़ुबान को हर वक्त कुछ-कुछ खाने का चस्खा लगा ही रहता है। अक्सर आपने देखा होगा लोगों को पकौड़े खाना बेहद पसंद है। कोई मेहमान भी आता है तो उसकी थाली में झट से पकौड़े परोस दिए जाते हैं।
इतना ही नहीं घर आए मेहमान भी बड़े चाव से पकौड़े खाते हैं। अब बात आती है पकौड़े की वेराइटी की। जैसे लोगों की सोच एक जैसी नहीं होती है। वैसे ही लोगों का स्वाद भी एक जैसा नहीं होता है। किसी को आलू के पकौड़े पसंद है, तो किसी को गोबी के। किसी को प्याज़ के, तो किसी को पालक के पकौड़े पसंद है। यानी जितनी लोग उतना अलग-अलग स्वाद। लेकिन इन पकौड़ों की जो एक बात एक जैसी है। वो है इनके इस्तेमाल किया जाने वाला बेसन।
चने से बेसन तैयार किया जाता है। जिसके बाद हम उससे पकौड़े बनाते हैं। खासकर बारिश के मौसम में चाय के साथ पकौड़े के स्वाद का तो क्या ही कहने। लेकिन आप जानते हैं कि असली और नकली बेसन की पहचान कैसे की जाती है।अगर नहीं, तो आज हम आपको बताएंगे।
कैसे करें असली और नकली बेसन की पहचान -
1. हाइड्रोक्लोरिक एसिड का करें इस्तेमाल
- हाइड्रोक्लोरिक एसिड का इस्तेमाल करके असली बेसन की पहचान की जा सकती है।
- एक कटोरी में 2 से 3 चम्मच बेसन लें और पानी मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें।
- इसमें 2 चम्मच हाइड्रोक्लोरिक एसिड डालें और कुछ मिनट तक इंजार करें।
- अगर बेसन का कलर लाल हो जाए तो समझ जाएं ये मिलावट का नतीजा है।
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2. नींबू का करें इस्तेमाल
- एक बर्तन में 3 चम्मच बेसन लें और इतने ही चम्मच नींबू का रस मिक्स कर लें।
- अब इसमें हाइड्रोक्लोरिल एसिड भी मिलाएं। करीब 5 मिनट तक छोड़ दे।
-अगर बेसन का रंग भूरा या लाल हो जाए तो समझ जाएं कि इसमें मिलावट की गई है।