फाइनेंशियल इंडिपेंडेस से महिलाओं के कॉन्फिडेंस पर क्या असर पड़ता है ?
फाइनेंशियल इंडिपेंडेस से महिलाओं के कॉन्फिडेंस पर क्या असर पड़ता है ? जानिए फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस महिलाओं को कैसे कॉन्फिडेंस देती है और कैसे उन्हें मज़बूत बनाती है।
जनता से रिश्ता। फाइनेंशियल इंडिपेंडेस से महिलाओं के कॉन्फिडेंस पर क्या असर पड़ता है ? जानिए फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस महिलाओं को कैसे कॉन्फिडेंस देती है और कैसे उन्हें मज़बूत बनाती है। शी द पीपल के साथ एक इंटरव्यू में अदिति कोठरी जो DSP में इन्वेस्टमेंट मैनेजर हैं , उन्होंने बताया की मनी या फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस महिलाओं को कॉन्फिडेंस देता है , और फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस महिलाओं के लिए बेहद ज़रूरी है। क्यूंकि वह इससे सिक्योर्ड महसूस करती हैं।
क्या पैसा पावर है?
DSP में इन्वेस्टमेंट मैनेजर, अदिति कोठरी ने बताया की , मनी आपको कॉन्फिडेंस देता है , आपको एक फाइनांशियल सिक्योरिटी देता है। जिस कारण महिलाएं अंदर से पावरफुल महसूस करती हैं। तो पैसा पावर नहीं है बल्कि वह आपको कॉन्फिडेंस देता है जिससे आप पावरफुल महसूस करती हैं।
प्रेगनेंसी के समय कैसे मैनेज करें अपने फाइनान्सेस ?
इन्वेस्टमेंट मैनेजर अदिति ने यह भी बताया की जिन महिलाओं की हर महीने सैलरी आती है , उन्हें अपनी एक फाइनेंशियल सिक्योरिटी की आदत होती है। लेकिन जब वह प्रेगनेंट हो जाती हैं और उन्हें काम से छुट्टी लेनी पड़ती है तो उनके काफी मुश्किल होता है। भारत में महिलाओं को ६ महीने का मैटरनिटी लीव दिया जाता है। लेकिन कई महिलाएं उससे भी ज्यादा समय का ब्रेक लेती हैं। तो ऐसे में उन्हें काफी दिक्कत आती है।
महिलाएं अपने आप को कम पावरफुल समझने लगती हैं और उनका कॉन्फिडेंस भी काम हो जाता है क्यूंकि वह अपने पैसे नहीं कमा रही होती है।
फाइनेंशियल प्लानिंग करें –
लेकिन अगर आप इसे अछि तरह प्लान करें तो आपको इतनी समस्या नहीं होगी। भारत में इन्फ्लेशन रेट ज्यादा है इंटरेस्ट रेट से। तो आपको अपना पैसा सही जगह इन्वेस्ट करना चाहिए जिससे आपको प्रेगनेंसी के वक़्त दिक्कत न हो। अगर आप अपना पैसा सिर्फ बैंक में राखी रहेंगी और सही जगह इन्वेस्ट नहीं करेंगी तो वह इन्फ्लेशन में ही ख़तम हो जायेगा। अन्यथा क्या मतलब है पैसे सेव करने का।