मेरठ: ठंड के मौसम में अपने दिल व दिमाग का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। इसके लिए जरूरी है अपने खानपान का विशेष ध्यान रखा जाए। जरा सी लापरवाही के गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते है। विशेषज्ञों का मानना है पानी का कम सेवन करने से दिमाग में खून के थक्के बनने का खतरा बढ़ता है साथ ही दिल का दौरा पड़नें की संभावना भी कई गुना बढ़ जाती है। ज्यादा तला हुआ खानें से बचे तभी सर्दियों में आपकी सेहत ठीक रह सकती है।
तला हुआ खाने से बचें: सर्दियों में अक्सर तला भोजन खाया जाता है, इनमें पराठें, पूरी-कचौरी समेत देशी घी का भी सेवन शामिल है। इसके विपरीत भुना हुआ खाना खाया जा सकता है जिसमें तेल व चिकनाई का प्रयोग न किया गया हो।
लाल मीट का न करे सेवन: सर्दियों में अक्सर नॉनवेज के शौकीन लोग मटन आदि (रेड मीट) का ज्यादा सेवन करने लगते है। लेकिन यह आमतौर पर खतरनाक होता है। विशेषज्ञों का कहना है लाल मीट (मटन, पोर्क व बफैलो) में कोलोस्ट्रॉल (वसा) काफी ज्यादा होता है जो खतरनाक होता है। जबकि यदि नॉनवैज खाने का मन हो तो सफेद मीट (मछली, चिकन) या अंडे खाए जा सकते है। रैड मीट दिल व दिमाग के लिए सर्दियों में घातक साबित हो सकता है। साथ ही सर्दियों में भरपूर प्रोटीन की डाईट लेनी चाहिए।
खाना खाते ही तुरंत न सोए: भोजन करने के बाद तुरंत बैठना या बिस्तर पर सोनें चले जाना सही नहीं है। खाना खाने के बाद सोने से पहले थोड़ा समय लें ऐसा नहीं करने पर खाना ठीक से पचता नहीं है। भोजन के नहीं पचने से पेट में गैस बनने लगती है जिसका असर दिल व दिमाग पर पड़ता है। बाहर का खाना खाने से भी बचें, जितना संभव हो घर में बना ही खाना लिया जाना चाहिए। हमेशा कोशिश करे कि खाने का जो समय निर्धारित है उसी पर भोजन लिया जाए।
ठंड के मौसम में शारीरिक क्रियाएं कम हो जाती है जिससे मोटापा बढ़ने लगता है। मोटापा बढ़ने से बीपी व शुगर जैसी बीमारियां पनपने लगती है। इनसे बचने के लिए समय पर भोजन करना जरूरी है। हर हाल में रात 8 बजे से पहले भोजन कर लेना चाहिए। इसका एक फायदा यह होता है कि शरीर का वजन बढ़ने से भी रोका जा सकता है।
गुनगुना पानी पिएं: सर्दियों में अपने शरीर को गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए गुनगुना पानी रामबाण की तरह काम करता है। ठंडा पानी पीने से ब्लडप्रेशर प्रभावित होता है, इसका असर दिमाग पर भी पड़ता है। इससे हार्ट अटैक आनें की संभावना बढ़ जाती है। जितना टैंम्परेचर बाहर होता है उससे कुछ अधिक टैंपरेचर का पानी पीना चाहिए। सर्दियों में प्यास कम लगती है, ऐसे में पानी की कमी को पूरा करने के लिए जितना हो सके गुनगुना पानी पिए। पानी कम पीन से दिगाम में क्लोटिंग के चांस बढ़ जाते है। इससे शरीर में लकवा, सिरदर्द, मिर्गी, बैचेनी, उल्टियां, चक्कर आना, जी घबरान जैसी समस्याएं पैदा हो जाती है। इसलिए पानी जरूर पीए बिना प्यास के भी पीना चाहिए। दिन में दो से ढाई लीटर पानी जरूर पीना चाहिए।
मॉर्निंग वॉक से करें परहेज: ज्यादा सर्दी के मौसम में सुबह जल्दी उठकर मॉर्निंग वॉक पर जानें वाले लोगो को भी सावधान रहना चाहिए। जब दिखाई दे कि बाहर घर से बाहर सर्दी ज्यादा है तो कोशिश करें जल्दी घर से न निकले। दिन निकलने के बाद यदि सूरज निकल आए तो उसी समय घर से मॉर्निंग वॉक के लिए निकलना ठीक रहता है। चाहे तो इसके लिए इंतजार भी किया जा सकता है। यदि जाना जरूरी हो तो अपने आप को गर्म कपड़ों से ढककर ही घर से निकले, सिर पर टोपी पहने। यदि संभव हो तो घर में ही वॉकिंग करने की कोशिश करें। घर से अचानक ठंडे माहौल में बाहर निकलने से बीपी व हार्ट संबंधित बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है।
सर्दियों के मौसम में अपनी सेहत काध्यान रखने के लिए गुनगुना पानी व खाने का विशेष ध्यान रखना चाहिए। मीठा खाने से भी बचें, साथ ही बाहर का खाना काफी हैवी होता है उससे भी बचना चाहिए।
ठंडा पानी पीने से दिमाग में क्लोटिंग के चांस बढ़ जाते है जिससे बे्रेन हेमरेज व लकवा जैसी बीमारियां होने का खतरा होता है। -डा. दीपिका सागर, एचओडी, न्यूरो मेडिकल