lifestyle लाइफस्टाइल: मैदे और सब्जियों से बने मोमोज Momos बहुत स्वाद होते हैं। बच्चों से लेकर बड़ों तक कई लोगों को यह बहुत पसंद होते हैं। मोमोज बनाने के लिए मैदे की लोई बनाकर उसमें सब्जियों को बारीक काट कर भरा जाता है और इसे स्टीम देकर या फ्राई करके पकाया जाता है।
मैदे में फाइबर नहीं होता, इसे सफेद और चमकदार बनाने के लिए बेंजोइल परऑक्साइड से ब्लीच किया जाता है जो शरीर को बहुत नुकसान देता है क्योंकि मोमोज में भी मैदे का ही इस्तेमाल होता है इसलिए इसको खाने के कई दुष्प्रभाव होते हैं। आइए जानिए इसके सेवन से और कौन सी समस्याएं हो सकती हैं।
-जो लोग हर रोज मोमोज या मैदे से बनी चीजें खाते हैं उनकी इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है जिससे वे हमेशा बीमार रहते हैं।
-मोमोज को जब पकाया जाता है तो मैदे में से प्रोटीन निकल जाता है और यह एसिडिक बन जाता है। इससे शरीर की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।
-मोमोज खाने से खून में ग्लूकोज जमने लगता है जिससे गठिया और दिल संबंधी बीमारियां हो जाती है।
-मैदे में फाइबर नहीं होता जिससे इसे खाने से कब्ज हो जाती है और सिर दर्द और गैस जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
-मैदे में कैलोरी ज्यादा होती है जिससे चर्बी व पेट दोनों हीं बढ़ने लगते हैं। यदि आप मोमोज़ का सेवन नियमित करते हैं तो आपको मोटापा होना ही होना है। मैदे से शरीर जल्दी फुलता है। जो बहुत ही कठनाई से कम हो पाता है।
-मैदा खाते ही यह आसानी से तो पचता नहीं है। यह हमारी आंतों में जाकर चिपक जाता है और आसानी से नहीं छूटता है। इस वजह से आंते सड़ सकती हैं या फिर उनमें कोई बीमारी लग सकती है।
मोमोज़ के साथ खायी जाने वाली लाल मिर्च की चटनी भी पहुँचाती है नुक्सान। अधिक तीखी चीजे खाने से भी आपकी सेहत को नुकसान पहुँचता है। आइये जानिये की इस चटनी के सेवन से क्या क्या समस्याएं हो सकती है।
मसालेदार खाने से भूख समाप्त हो जाती है, बुखार भी हो सकता है, मसूड़ों में सूजन और नाक से खून भी निकल सकता है।
-मिर्च और मसाला गर्भवती महिलाओं और बवासीर के रोगियों को बिलकुल नही खाना चाहिए।
-ज्यादा तीखा भोजन हमारी टेस्ट बड को काफी नुकसान पहुंचाता है।मसाले जैसे प्याज, लहसुन, मिर्च आदि अधिक मात्रा में खाने से सांस की बदबू की समस्या हो जाती है।
-मसाले गर्म होते हैं। ये शरीर का ताप बढ़ा देते हैं जिससे अनिद्रा की समस्या हो जाती है।
-अधिक मसालेदार और तीखा खाने से पेट की कईं समस्याएं हो जाती हैं। पेट की अंदरूनी सतह पर सूजन आ जाती है, एसिडिटी और अल्सर की समस्या हो जाती है।