सीने में जलन, छाती जलन छाती में होने वाली एक ऐसी समस्या है जो पेट के एसिड के वापस खाने की नली में जाने से होती है। ये जलन छाती के ऊपरी एवं मध्य भाग में होती है। सीने में जलन होना आजकल एक सामान्य बात है। गलत खान-पान, मसालेदार भोजन, मोटापा, तनाव से भी एसिडिटी होती है। जब यह परेशानी बढ़ जाती है तो छाती के बीच में दर्द, जकड़न और बेचैनी होती है। कई बार जीवनशैली में परिवर्तन भी सीने में जलन का कारण बनता है जैसे कि गर्भावस्था का समय। कुछ ख़ास प्रकार की औषधियां जैसे एस्पिरिन,कुछ ख़ास एंटीबायोटिक्स एवं तनाव दूर करने वाली औषधियां भी कई बार सीने में दर्द की वजह बनती हैं। धूम्रपान करने वाला व्यक्ति, गर्भवती महिला एवं किसी मोटे व्यक्ति को जलन की समस्या ज़्यादा होती है। कई बार समस्या इतनी बढ़ जाती है कि डॉक्टरी मदद लेनी पडती है। आज हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपाय बताने जा रहे है जिससे आप इस परेशानी से निजात पा सकते है।
तुलसी के पत्ते :
सीने में होने वाली जलन के घरेलु उपचार में तुलसी के पत्ते बहुत प्रभावी होते हैं। तुलसी के पत्तों का रस निकाल कर सीने में जलन के दौअर्न पी लें। इसके अलावा आप तुलसी की पत्तियों को दांतों से चबा कर भी खा सकते हैं।
सेब का सिरका :
एक गिलास पानी में दो चम्मच शहद और दो चम्मच सेब का सिरका डालकर खाना खाने से पहले रोजाना पिएं। यह एक असरदार उपाय है।
बेकिंग सोडा :
बेकिंग सोडा द्वारा भी एसिड वापस पेट में पहुंचाया जा सकता है। आधा चम्मच बेकिंग सोडा और नींबू के रस की कुछ बूँदें आधे कप गर्म पानी में मिलाकर पीने से सीने में जलन की स्थिति में काफी लाभ मिलता है।
नींबू :
खाने में नींबू का प्रयोग जरूर करना चाहिए। भोजन करने के 1 घंटे पहले नींबू के रस में काला नमक मिलाकर पीने से सीने की जलन में फायदा मिलता है।
दूध :
ठंडा पानी मिश्रित दूध जलन की स्थिति में आराम दे सकता है पर अगर इसका ज़्यादा सेवन किया गया तो इसमें मौजूद फैट्स की वजह से ये पेट में एसिड की मात्रा बढ़ाता है।
एलोवीरा जूस :
खाना खाने से पहले एलोवीरा जूस पीने से राहत मिलती है। भोजन खाने के बाद सौंफ जरूर चबाएं, इससे खाना असानी से पच जाता है। ताजा पुदीने के पतों का रस रोज पीना लाभकारी है।
सब्ज़ियों का रस :
गाजर, खीरा, मूली एवं बीत जैसी सब्ज़ियां एल्कलाइन होती हैं। आप रस की जगह कच्ची सब्ज़ियाँ भी खा सकते हैं।