अच्छी नींद के लिए बच्चों को खिलाएं ये चीज़ें

Update: 2023-04-29 14:27 GMT
जिस तरह हमारी जीवनशैली बदल रही है, हमने अपने बायोलॉजिकल साइकिल को भी बदल दिया है. बायोलॉजिकल साइकिल या कह लें बॉडी क्लॉक. यानी हमारे शरीर की वो आदतें, जो एक ख़ास तरह की जीवनशैली फ़ॉलो करने पर अपने आप उसे लग जाती हैं. मसलन उसके सोने और जागने का समय अपने आप सेट हो जाता है. भूख लगना, शौच का नियमित समय सबकुछ बॉडी क्लॉक ही तय करता है.
ज़िंदगी में टेक्नोलॉजी की बढ़ती दखल ने हमारे पूरे सिस्टम को अस्त-व्यस्त कर दिया है. इससे हमारे शरीर की प्राकृतिक घड़ी की सूइयों की रफ़्तार आगे-पीछे हो गई है. इसका सबसे ज़्यादा असर हुआ है हमारी नींद की साइकिल पर. रात को जल्दी नींद आती नहीं और पूरा दिन उनींदेपन में गुज़र जाता है. सबसे बुरी बात है बच्चों की नींद डिस्टर्ब हो रही है. बेशक शरीर को सही आदतें डालने के लिए आपको नियत समय पर ख़ुद और बच्चों को भी बिस्तर पर ले जाना शुरू करना होगा. दो-तीन दिन भले नींद करवटें बदलने के बाद आए पर समय का पालन करने के बाद आपकी साइकिल जल्द ही दुरुस्त हो जाएगी.
इसके अलावा रात का खानपान भी नींद लाने के हिसाब से काफ़ी अहम् होता है. कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि रात को एक गिलास गर्म दूध पीने से अच्छी नींद आती है. नींद का नाता मेलाटोनिन नामक एक हार्मोन से जुड़ा है, जिसका प्रोडक्शन अंधेरे में बढ़ता है. कुछ चीज़ों का सेवन भी मेलाटोनिन और सेरोटॉनिक के प्रोडक्शन को बढ़ाता है. यही कारण है कि उन चीज़ों को ख़ुद के और बच्चों के खानपान, ख़ासकर रात के खाने में शामिल करके आप बेहतर और चैन की नींद पा सकते हैं.
केला
केले में पोटैशियम, मैग्नीशियम, विटामिन बी6 और नैचुरल कॉम्प्लेक्स कार्बोइड्रेट्स होते हैं, जो सेरोटॉनिक का प्रोडक्शन बढ़ाते हैं. इसके अलावा केला ट्रिप्टोफ़ेन का अच्छा स्रोत है. चूंकि केले में कार्बोइड्रेट्स की मात्रा काफ़ी अधिक होती है, उन्हें खाने से नींद आने लगती है. बच्चों को रात को केला खिलाएं. आप केले से बनाना स्मूदी भी बनाकर दे सकते हैं.
ओट्स
जैसा कि हम सुनते और पढ़ते आए हैं कि ओट्स हमारे हृदय को सेहतमंद रखता है, उसका एक और फ़ायदा जान लीजिए. ओट्स का सेवन करने से शरीर मेलाटोनिन का उत्पादन प्राकृतिक रूप से बढ़ा देता है. विटामिन्स और मिनरल्स का बेहतरीन स्रोत ओट्स हमारे नर्वस सिस्टम की सेहत के लिए अच्छा है. यह शरीर को रिलैक्स करता है. ओट्स में अमीनो एसिड्स, पोटैशियम, विटामिन बी, मैग्नीशियम और कॉम्प्लेक्स कार्ब्स की अच्छी मात्रा होती है, जो अच्छी नींद लाने में सहायक होते हैं. तो आप बच्चों के रात के खाने में चावल की जगह ओट्स शामिल करें. ओट्स को दूध के अलावा मसालेदार विकल्पों के साथ भी खाया जा सकता है.
अनन्नास
अनन्नास हमारे पाचन को दुरुस्त करने में बेहद कारगर फल है. यह हमारी इम्यूनिटी को बूस्ट करता है. रही बात नींद लाने की तो अनन्नास ओट्स और केले की तुलना में मेलाटोनिन उत्पादन में कहीं अधिक मददगार साबित होता है. तो नींद की साइकिल को दुरुस्त करने के लिए अपने और बच्चे के रात के खानपान में इस खट्टे फल को शामिल करें. आप डिनर से पहले अनन्नास खा सकते हैं.
दूध
दूध में ऐसे घटक होते हैं, जो बेहतर नींद लाने में काफ़ी मददगार होते हैं, मेलाटोनिन और ट्रिप्टोफ़ेन का उत्पादन बढ़ाकर. दूध में कैल्शियम की प्रचुर मात्रा होती है, जो मस्तिष्क को ट्रिप्टोफ़ेन का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. यही कारण है कि रात को हल्का गरम दूध पीते ही बच्चों को नींद आ जाती है. आप भी बच्चों के साथ-साथ अपने खानपान में दूध शामिल करें. नींद दिलाने के साथ-साथ इसके और भी फ़ायदे होते हैं.
अखरोट
प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत होने के साथ-साथ अखरोट यानी वॉलनट वेट लॉस में मददगार होता है. इसके अलावा वॉलनट में ट्रिप्टोफ़ेन नामक एमिनो एसिड भी भरपूर मात्रा में होता है. बच्चों को रात को मुट्ठीभर अखरोट खाने के लिए दीजिए, अगर उन्हें देर रात तक नींद नहीं आती तो अखरोट खाने से काफ़ी मदद मिलेगी.
चेरीज़
खट्टी-मीठी चेरीज़ नींद लाने में काफ़ी मददगार साबित होती हैं. आप बच्चों को चेरी जूस देने के बजाय सीधे चेरी ही खाने के लिए दीजिए. अगर बच्चे नखरे करें तो स्मूदी में ब्लेंड करके दे सकत हैं. दूसरा ऑप्शन यह भी है कि आप चेरी को केले और वनीला के साथ प्यूरी बनाकर दे दें. यह स्वादिष्ट तो है ही, साथ ही नींद की गैरेंटी देनेवाला ऑप्शन है.
अंगूर
अंगूर में नींद लानेवाले हार्मोन मेलाटोनिन के उत्पादन को बढ़ानेवाले केमिकल होते हैं. तो अगर आप और बच्चे दोनों की डायट में अंगूर शामिल होंगे तो नींद की साइकिल एकदम से दुरुस्त हो जाएगी.
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