विशेषज्ञों ने बताया- क्या कोरोना संक्रमित बच्चों को पड़ सकती है ICU की जरूरत?

कोरोना वायरस के नए स्ट्रेनों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है।

Update: 2021-04-23 16:50 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क:  कोरोना वायरस के नए स्ट्रेनों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। चूंकि कोरोना की दूसरी लहर में लक्षणों में काफी बदलाव देखा जा रहा है ऐसे में लोगों के मन में तमाम तरह के सवाल भी पैदा हो रहे हैं। इस बार युवा ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं ऐसे में एक सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि बच्चों को इस लहर से किस प्रकार से सुरक्षित रखा जा सकता है? अगर बच्चे कोरोना से संक्रमित हो जाते हैं तो किन बातों का ख्याल रखना चाहिए?

इस संबंध में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नें विस्तृत सुझाव जारी किया है। इसके अलावा हमने बाल रोग विशेषज्ञों से बातचीत करके भी कोरोना से बच्चों को सुरक्षित रखने के तरीकों के बारे में जानने की कोशिश की है। आइए आगे की स्लाइडों में आपके मन में आ रहे ऐसे सवालों के जवाब जानने की कोशिश करते हैं।
संक्रमित बच्चों को हो सकती है आईसीयू की जरूरत?
एम्स द्वारा जारी गाइडलाइंस में विशेषज्ञों ने बताया है कि ज्यादातर बच्चे एसिम्टोमैटिक देखने को मिल रहे हैं, जिनका इलाज घर पर ही किया जा सकता है। लेकिन जिन बच्चों को पहले से ही कोई गंभीर बीमारी (जैसे फेफड़ों की बीमारी, कैंसर, हृदय रोग, किडनी की बीमारी आदि) है, उनकी इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है। ऐसे बच्चों को कोविड-19 का खतरा अधिक होता है। इनमें से जिन बच्चों की हालत ज्यादा गंभीर हो जाती है उन्हें आईसीयू की जरूरत भी पड़ सकती है।
क्या सभी बच्चों को कोविड-19 का परीक्षण करने की आवश्यकता होती है?
यदि आपके बच्चे को कोविड-19 पॉजिटिव रोगी के साथ सीधे संपर्क में आने के बाद फ्लू जैसे कोई लक्षण नहीं हैं, तो आपको 14 दिनों तक उसके लक्षणों पर नजर रखनी चाहिए। संपर्क के 14 दिनों के भीतर यदि बच्चे में बुखार, खांसी, नाक बहने, उल्टी या डायरिया जैसे लक्षण विकसित होते हैं, तो उसका परीक्षण करवाना आवश्यक हो जाता है।
बच्चों को कोरना हो जाए तो क्या करें?

बाल रोग विशेषज्ञ डॉ विपिन कहते हैं कि अगर बच्चों को कोरोना हो जाए तो घबराएं नहीं, अब तक देखने को मिला है कि बच्चों पर इसका ज्यादा असर नहीं हो रहा है। दवाइयों के बजाय इस समय होम केयर की ज्यादा जरूरत होती है। इसके अलावा बुखार और खांसी जैसे लक्षणों को सामान्य दवाओं के साथ ठीक किया जा सकता है। तेज बुखार के दौरान भी एसी, कूलर आदि चालू रखें, जिससे शरीर की ठंडक बनी रही। बार -बार पट्टी करते रहें।
घर पर कैसे रखें बच्चों का ख्याल
कोरोना के समय में बच्चों को डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए समय-समय पर पानी और जूस देते रहें। यहां एक बात का ध्यान जरूर दें कि बच्चों के काढ़ा या घरेलू उपचार आदि खुद से न दें। इसके लिए डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें। कई घरेलू उपचार बच्चों के लिए कोरोना से ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं।
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