गर्मी में रेड मीट का ज्यादा सेवन आपके लिए हो सकता है नुकसानदेह

एक अवधारणा बन गई है कि मांसाहार ही पौष्टिक आहार है। और इसके पीछे हम सभी आंख मूंद कर भाग रहे हैं।

Update: 2022-05-12 12:50 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |  एक अवधारणा बन गई है कि मांसाहार ही पौष्टिक आहार है। और इसके पीछे हम सभी आंख मूंद कर भाग रहे हैं। जबकि हर मौसम में, हर व्यक्ति के लिए पोषण की अलग आवश्यकताएं होती हैं। यही वजह है कि पौष्टिक कहा जाने वाला आहार भी कभी-कभी आपके स्वास्थ्य के लिए जोखिमकारक हो सकता है। खासतौर से गर्मियों में जब आप बहुत ज्यादा मात्रा में रेड मीट का सेवन करती हैं, यह आपके और आपके परिवार के लिए कई स्वास्थ्य जोखिमों (Red meat health hazards) का कारण बन सकता है।

मांसाहार हमारी जीभ को बढ़िया स्वाद का एहसास तो कराता है, लेकिन गर्मी में इसके अधिक सेवन से स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं हो सकती हैं। स्वयं के साथ-साथ परिवार के सदस्यों को भी गर्मी के दिन में नॉन वेज खासकर रेड मीट से परहेज करना ही समझदारी होगी।
कुछ फूड आयटम्स ऐसे भी होते हैं, जिन्हें हम अपने स्वाद के लिए खाते हैं। हमें लगता है कि यह न्यूट्रीशियस फूड हैं, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं होता है। मांसाहार में पोषक तत्व प्रोटीन मौजूद रहता है, लेकिन इसकी अधिकता के कारण पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
यदि रेड मीट का सेवन किया जाए, तो इसे पचने में कभी-कभी 24 घंटे का भी समय लग जाता है। गर्मी के दिन में यह काफी तकलीफदेह साबित होता है। महीने में एक-दो बार कम तेल में पके चिकन को लिया जा सकता है। 2 दिन के अंतराल पर 1-2 अंडे को भी भोजन में शामिल किया जा सकता है। पर इससे ज्यादा मात्रा का सेवन आपके लिए समस्याएं बढ़ा सकता है।
भारत में ज्यादातर मांसाहार व्यंजन को ढेर सारे गर्म मसाले के साथ डीप फ्राय किया जाता है, जो हाई फैट का स्रोत बन जाता है। रेस्टोरेंट में खाने को बार-बार गर्म किया जाता है, जो स्वास्थ्य के ख्याल से काफी हानिकारक है। फैट बैड कॉलेस्ट्रॉल के रूप में हमारे शरीर में जमा होते रहते हैं। मांसाहार से न सिर्फ ब्लड प्रेशर के मरीज, बल्कि सामान्य लोग भी परहेज करें। गर्मी में मांसाहार लेना तो खतरनाक साबित हो सकता है।
1 बन सकता है लिवर में फैट जमा होने का कारण
मांस खाने से लिवर पर फैट जमा होता रहता है। लिवर को अधिक श्रम भी करना पड़ता है, जिससे लिवर संबंधी परेशानियां हाे सकती हैं।
2 कब्ज और एसिडिटी के लिए जिम्मेदार
इससे एसिडिटी और कब्ज की समस्या हो सकती है। इनके अलावा, डायजेस्टिव सिस्टम संबंधी दूसरी बीमारियां भी हो सकती हैं।
3 बन सकता है कैंसर का कारण
अध्ययन बताते हैं कि मांस खाने के बाद किडनी को ज्यादा काम करना पड़ता है। बाद में यह कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का कारण भी बन सकता है। खास कर रेड मीट से प्रोस्टेट, किडनी, ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा होता है। लार्ज इंटेस्टाइन में कोलन कैंसर होने का भी खतरा बढ़ता है।
4 वजन बढ़ने का कारण
प्रोसेस्ड मीट खाने से शरीर में फैट डिपोजिशन होता है। हाई कैलोरी वाला भोजन होने से मोटापा और वजन बढ़ने की भी समस्या होती है।
5 बढ़ सकती हैं हृदय संबंधी समस्याएं
रेड मीट में मौजूद कोलेस्ट्रॉल के कारण ब्लड आर्टरी और वेंट्रिकल्स में भी कोलेस्ट्रॉल जमा हो जाता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन में दिक्कत होती है। इससे क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD), हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) भी हो जाता है। इससे कार्डियेक अरेस्ट (Cardiac arrest) और एथेरोस्केलेरोसिस (atherosclerosis) होने की भी संभावना बढ़ जाती है।
6 हार्मोन असंतुलन का जोखिम
चिकन और मटन के तेजी से बढ़ने के लिए एंटीबायोटिक्स भी दिए जाते हैं, जो मांसाहार लेने के बाद मनुष्य के शरीर में पहुंच जाते हैं। इससे इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। रोज मांसाहार के सेवन से हार्मोनल असंतुलन का भी जोखिम बढ़ जाता है।


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