गर्भावस्था के दौरान हेमोरॉयड्स की समस्या दूसरी तिमाही में होती है, जानें वजह, लक्षण

हेमोरॉयड्स की समस्या ज्यादातर 17वें से 18वें सप्ताह यानी दूसरी तिमाही के दौरान होती है. इस दौरान रेक्टल हिस्से में नसों में सूजन आ जाती है और मस्से जैसे हो जाते हैं.

Update: 2021-05-05 15:15 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गर्भावस्था के दौरान हेमोरॉयड्स की समस्या गर्भावस्था के दौरान कई बार महिलाओं को रेक्टल हिस्से में नसों में सूजन के कारण हेमोरॉयड्स की समस्या हो जाती है. इस दौरान गुदा वाली जगह पर मस्से जैसे हो जाते हैं जिनमें दर्द और खुजली हो सकती है. कई बार खून भी आता है. आमतौर पर इसकी वजह कब्ज को माना जाता है. ज्यादातर ये समस्या 17वें से 18वें सप्ताह यानी दूसरी तिमाही के दौरान होती है. आइए जानते हैं इस समस्या से जुड़ी तमाम बातें.

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा आयरन लेने की सलाह दी जाती है. इसकी वजह से शरीर में ब्‍लड की मात्रा बढ़ जाती है और प्रोजेस्टेरोन हॉर्मोन का हाई लेवल, ब्‍लड वेसल की वॉल को शिथिल बना देता है. इसकी वजह से कब्ज और हेमोरॉयड्स की समस्या हो जाती है. जो महिलाएं पहली बार मां बन रही हैं, उनको ये समस्या डिलीवरी के बाद भी झेलनी पड़ सकती है.
ये हैं लक्षण
– मल के साथ खून का आना
– म्यूकस निकलना
– दर्द, सूजन और जलन होना
– बार-बार मल आने जैसा महसूस होना
– हिप्स के आसपास खुजली होना
क्या करें
1. खूब पानी पिएं. दिनभर में कम से कम 8 से 10 गिलास पानी जरूर पिएं.

2. फाइबर से भरपूर डाइट लें. ईसबगोल की भूसी भी कब्ज को नियंत्रित करने में मददगार है.

3. जब भी प्रेशर बने, फ्रेश होने के लिए वॉशरूम जरूर जाएं. किसी भी परिस्थिति में इसे रोकने की कोशिश न करें.

4. मल त्यागते समय जोर बिल्कुल न लगाएं.

5. लिक्विड डाइट लें. ताजे रसदार और फाइबरयुक्त फलों का सेवन करें.

6. नियमित तौर पर एक्सरसाइज करें. एक्सरसाइज सिर्फ डॉक्टर द्वारा निर्देशित ही करें.

7. हरी सब्जियां और सलाद खाएं. नारियल पानी पिएं और गर्मी के मौसम में छाछ का सेवन कर सकती हैं.

8. बहुत ज्यादा परेशानी होने पर अपनी विशेषज्ञ को जरूर बताएं और उनकी सलाह से ही किसी दवा का सेवन करें.


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