रूमेटाइड अर्थराइटिस और गाउट को एक समझने की ना करें भूल, होता है यह अंतर
वहीं खान-पान में बदलाव कर इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। रुमेटीइड गठिया गाउट की तुलना में बहुत अधिक गंभीर हो सकता है।
आज के समय में लोग कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स से जूझते हैं और इनमें रूमेटाइड अर्थराइटिस और गाउट बेहद कॉमन होता जा रहा है। हालांकि, जब रूमेटाइड अर्थराइटिस और गाउट की बात आती है, तो लोग सोचते हैं कि यह एक ही बीमारी है। दरसअल, जब व्यक्ति को यह स्वास्थ्य समस्या होता है, तो जोड़ों में सूजन, दर्द, लालिमा और जकड़न के सामान्य लक्षण शुरू हो जाते हैं। आमतौर पर, इन दोनों स्वास्थ्य समस्याओं के लक्षण एकसमान नजर आते हैं, इसलिए लोग इन्हें एक ही समझ बैठते हैं। लेकिन इन दोनों के कुछ लक्षण समान होने के बावजूद इन दोनों समस्याओं में काफी अंतर है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको रूमेटाइड अर्थराइटिस और गाउट के बीच के अंतर के बारे में बता रहे हैं-
रूमेटाइड अर्थराइटिस क्या है
रूमेटाइड अर्थराइटिस एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति को जोड़ों में दर्द, सूजन और अकड़न की शिकायत होती है। यह वास्तव में एक ऑटोइम्यून डिजीज है, जिसमें शरीर की इम्युनिटी खुद ही अपनी स्वस्थ कोशिकाओं को ही नुकसान पहुंचाना शुरू कर देती है। आमतौर पर, उम्र बढ़ने, जेनेटिक्स, मोटापा, अत्यधिक धूम्रपान, इम्युन सिस्टम में समस्या के कारण व्यक्ति को यह समस्या हो सकती है।
गाउट क्या है?
गठिया या गाउट तब होता है जब किसी व्यक्ति के शरीर में यूरिक एसिड की अधिकता हो जाती है। कुछ लोग स्वाभाविक रूप से अतिरिक्त यूरिक एसिड का उत्पादन करते हैं, जिससे गाउट की संभावना अधिक हो सकती है। इसके अलावा, मूत्रवर्धक जैसी दवाएं लेने से भी इस समस्या का जोखिम बढ़ सकता है। इसके अलावा, बहुत अधिक शराब पीना व उच्च प्रोटीन डाइट लेने से भी व्यक्ति में गाउट का रिस्क बढ़ जाता है।
रूमेटाइड अर्थराइटिस और गठिया को ऐसे करें डायग्नोस
दोनों ही मामलों में, डॉक्टर शुरू में आपकी एक शारीरिक जांच कर सकते हैं जिसमें आपसे कुछ प्रश्न भी पूछे जा सकते हैं। वहीं इसी के चलते हम आपकी फैमिली हिस्ट्री जानने की कोशिश करेंगे। इसके अलावा शरीर में दिखने वाले लक्षणों और आप किस तरह की डाइट ले रहे हैं, इस बारे में भी आपसे सवाल किया जा सकता है। वहीं, कुछ स्थितियों में टेस्ट कराने की भी सलाह दी जा सकती है।
यूरिक एसिड बढ़ने की संभावना होने पर आपका डॉक्टर आपको ब्लड टेस्ट के लिए भी कह सकता है। वहीं, एक्स-रे और एमआरआई स्कैन जैसे इमेजिंग टेस्ट भी किए जा सकते हैं।
डायबिटीज के मरीज इस सब्जी को डाइट में कर सकते हैं शामिल, सुबह से शाम तक शुगर रहेगा कंटोलडायबिटीज के मरीज इस सब्जी को डाइट में कर सकते हैं शामिल, सुबह से शाम तक शुगर रहेगा कंटोल
गठिया और रूमेटाइड अर्थराइटिस का उपचार
परीक्षण द्वारा गाउट और रुमेटीइड गठिया का सही निदान करने के लिए इसका अलग तरह से इलाज किया जा सकता है।
गठिया के लिए उपचार
• शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को कम करने के लिए डॉक्टर कुछ दवाइयों को लिख सकता है।
• इसके अलावा, सूजन व दर्द को कम करने के लिए भी कुछ दवाएं लिखी जा सकती है।
• ट्रिगर फूड आइटम्स का सेवन कम करने की सलाह दी जाती है।
रूमेटाइड अर्थराइटिस का इलाज
• रूमेटाइड अर्थराइटिस के इलाज के लिए कुछ दवाएं लिखी जा सकती हैं।
• फिजिकल रूप से एक्टिव रहने से इसे मैनेज किया जा सकता है।
• जीवन शैली में परिवर्तन करना चाहिए।
• धूम्रपान बंद करने की सलाह दी जाती है।
दोनों समस्याओं को जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता है। हालांकि, इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है। खासतौर पर रूमेटाइड अर्थराइटिस में दवाएं लेने और जीवनशैली में बदलाव लाकर समस्याओं को कम किया जा सकता है। वहीं खान-पान में बदलाव कर इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। रुमेटीइड गठिया गाउट की तुलना में बहुत अधिक गंभीर हो सकता है।