क्या आप जानते हैं कि सांस भी हमें कई बीमारियों का संकेत देती है। सांस लेने से कैंसर, शुगर, गुर्दे और दिल की बीमारियों तक का पता लगाया जा सकता है।
पेट का कैंसर
अगर आपको लगातार बिना किसी कारण के सांस लेने में तकलीफ हो रही है तो आपको तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। अक्सर पेट के कैंसर के कारण सांस लेने में तकलीफ होने लगती है।
मोटापा
मोटापे में अक्सर शारीरिक गतिविधियां करने में दिक्कत आ जाती है। गले और छाती के आसपास जमा अतिरिक्त चर्बी के कारण मोटे लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो जाती है। इन लोगों की सांस में मेथेन और हाईड्रोजन गैस की मात्रा बढ़ जाने के कारण वो ठीक से सांस नहीं ले सकते।
पल्नोमरी हाइपरटेंशन
अगर आपकी सांस फूल रही है, चक्कर आ रहे हैं, थकान या सीने में दर्द है तो यह पल्नोमरी हाइपरटेंशन का संकेत हो सकता है। इसमें फेफड़े में जाने वाली आर्टरी में ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। इस कारण आप दिल की बीमारियों के शिकार हो सकते हैं।
गुर्दे फेल होना
सांस लेने में तकलीफ हो रही है तो ये गुर्दे फेल होने का संकेत होता है। गुर्दे के फेल हो जाने के कारण रक्त में यूरिया का स्तर बढ़ जाता है। इससे मुह में अमोनिया ब्रेथ के कारण बदबू आने लगती है। मुंह का स्वाद भी खराब होने लगता है।
फिजिकल वर्क करने में दिक्कत
मोटे लोगों को अक्सर फिजिकल वर्क करने में दिक्कत होती है। गले और छाती के आसपास जमा अतिरिक्त चर्बी के कारण सांस लेने में दिक्कत होती है। ऐसे लोगों की सांस में मेथेन और हाइड्रोजन गैस की मात्रा बढ़ जाने के कारण भी सांस लेने में समस्या आने लगती है। ऐसे में डॉक्टर को तुरंत दिखाना चाहिए।
डायबटीज
डायबटीज के मरीज जिन ग्लूकोमीटर्स के लिए जिन स्ट्रिप्स का इस्तेमाल करते है वो एक बार इस्तेमाल करके फैंक देना चाहिए। इससे आपको डायबटीज के साथ-साथ अस्थना होने का भी डर रहता है। इसके अलावा इसके दोबारा इस्तेमाल से सांस लेने में तकलीफ होने लगती है।