अकेले वक्त बिताने से भी इंटेलिजेंट बनता है बच्चा, पेरेंट्स करें ये काम
अकेले वक्त बिताने से भी इंटेलिजेंट बनता है बच्चा
आपने हमेशा यही सुना होगा कि बच्चों को अपनी उम्र के दूसरे बच्चों के साथ खेलना चाहिए। इससे बच्चों में शेयरिंग और एक-दूसरे के साथ एडजस्ट करने की आदत डेवलप होती है। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि बच्चों के लिए अकेले रहना भी अच्छा होता है। इससे बच्चे को अकेलापन नहीं बल्कि खुद के लिए थोड़ा समय मिलता है। अध्ययनों से पता चलता है कि बच्चों को इस अकेले टाइम में खुद कुछ सीखने की कोशिश करनी चाहिए।
खुद की क्रिएटिविटी बढ़ती है
जब बच्चे अकेले होते हैं, तो वो बिना किसी की मदद या उम्मीद के खुद कुछ करने की कोशिश करते हैं। इससे बच्चे की खुद की इमैजिनेशन पॉवर बढ़ती है।
बोर होने की नहीं करेगा शिकायत
अब बच्चे अक्सर बोर होने की शिकायत करते हैं। जब बच्चे खुद अकेले ज्यादा से ज्यादा समय बिताएंगे, तो वो खुद सीख जाएंगे कि उन्हें कैसे इस एक्स्ट्रा टाइम को यूज करना है।
जब बच्चे खुद अपने टाइम को दिलचस्प तरीके से बिताना सीख जाएंगे, तो इससे उनकी इमैजिनेशन बढ़ेगी और वो अपने आसपास की चीजों को बेहतर तरीके से एक्सप्लोर करने लगेंगे। इससे बच्चे को कभी अकेलापन महसूस नहीं होगा। ऐसे बच्चे अकेले होकर भी मजे कर पाते हैं।
इमोशनली होते हैं स्टेबल
अकेले रह कर बच्चे में शांत रहने की भावना बढ़ती है। इससे बच्चे खुद अपने आपको शांत और समझाने का गुर सीखते हैं। ऐसे बच्चों को किसी और से इमोशनल सपोर्ट की जरूरत कम ही पड़ती है।
जब बच्चे अकेले में बोर महसूस नहीं करते हैं, तो वो ऐसे ग्रुप और दोस्तों से दूर हो पाते हैं जहां उनकी दिलचस्पी कम होती है। ये बच्चे सोशली आत्मनिर्भर और स्वतंत्र होते हैं।
निर्णय लेने की क्षमता आती है
खुद अकेले समय बिताकर बच्चे अपने कामों और उनसे निकलने वाले परिणामों से वाकिफ हो जाते हैं। बच्चों को समझ आता है कि उनके किस काम का पॉजीटिव रिजल्ट आता है।
जब हर मुश्किल को सुलझाने में पेरेंट्स बच्चे के आगे खड़े नहीं होते हैं, तो बच्चे खुद अपनी प्रॉब्लम को सुलझाने लगते हैं। इससे बच्चे के मानसिक विकास में काफी मदद मिलती है।
पेरेंट्स क्या कर सकते हैं
पेरेंट्स को बच्चे को कुछ समय अकेले रहकर सीखने का मौका देना चाहिए। इसके लिए आप निम्न काम कर सकते हैं :
बच्चे को कोई सुरक्षित जगह दें। ऐसे स्पेस से बचें जहां असुरक्षित खिलौने या चीजें रखी हों।
इस समय बाथरूम को लॉक और पानी के टब को खाली रखें। ऐसी जगहों को खाली रखें जहां पानी भरने का डर हो वरना अकेले में बच्चे के डूबने का खतरा हो सकता है।
जिस कमरे में बच्चा बैठा है, वहां का फर्नीचर उसके लिए सेफ होना चाहिए। ऐसा ना हो कि बच्चे को अकेले में चोट लग जाए।