गर्भावस्था में नाभि में बदलाव व दर्द की वजह और राहत पाने के ये उपाय
प्रेगनेंसी के दौरान शरीर अधिक मात्रा में एमनियोटिक फ्लूइड बनने लगता है. इसकी वजह से गर्भाशय का दबाव नाभि पर आने लगता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गर्भावस्था के दौरान जिस तरह से शरीर के तमाम अंगों में बदलाव आता है, उसी तरह से नाभि के आकार में भी बदलाव आता है. प्रेगनेंसी के कुछ हफ्तों बाद नाभि में उभार आना शुरू हो जाता है. इसे आउटी बेली बटन कहा जाता है. कई बार नाभि में दर्द भी होता है. हालांकि इन स्थितियों से घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि ये सामान्य स्थिति है. इसमें किसी तरह का खतरा नहीं होता. यहां जानिए नाभि के उभार और उसमें दर्द की वजह और राहत पाने के तरीके.
दरअसल गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में कई बदलाव होते हैं. ऐसे में वजन तो बढ़ता ही है, साथ ही गर्भाशय का आकार बढ़ने से पेट भी बड़ा होने लगता है. इसके अलावा प्रेगनेंसी के दौरान शरीर अधिक मात्रा में एमनियोटिक फ्लूइड बनने लगता है. इसकी वजह से गर्भाशय का दबाव नाभि पर आने लगता है. ऐसे में नाभि में उभार आ सकता है. इसके अलावा कई बार हार्मोनल बदलावोंं की वजह से भी नाभि उभरकर बाहर आ जाती है.
इन कारणों से होता है नाभि में दर्द
विशेषज्ञों की मानें तो प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही में गर्भाशय नाभि और ब्रेस्ट के बीच फैलने लगता है. वहीं तीसरी तिमाही में नाभि पर जोर पड़ने लगता है. ऐसे में नाभि में दर्द, खुजली, बेचैनी, होने लगती है. इसके अलावा पेट पर खिंचाव की वजह से भी नाभि व उसके आसपास के क्षेत्र में दर्द महसूस हो सकता है. इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान जब गर्भ में हलचल होती है, तब भी नाभि में दर्द की आशंका बढ़ जाती है.
राहत के लिए आजमाएं ये उपाय
1. अगर आपकी नाभि में दर्द है तो किसी एक दिशा बाएं या दाएं ओर सोएं. नाभि को सपोर्ट देने के लिए आप तकिए का उपयोग करे.
2. अगर आपने नेवल पियर्सिंग कराई हुई है तो आप इसे हटवा दें, वर्ना परेशानी ज्यादा हो सकती है.
3. नाभि में खुजली और जलन को कम करने के लिए लोशन या तेल का इस्तेमाल करें. लेकिन खुजलाएं नहीं. इससे बच्चे को भी दिक्कत हो सकती है.
4. दर्द को कम करने के लिए ढीले कपड़े पहनें. इससे खुजली और जलन भी कम होती है.