महिलाओं में ये लक्षण दिखते ही हो जाएं सतर्क, बन सकता हैं थायराइड कैंसर का खतरा
बन सकता हैं थायराइड कैंसर का खतरा
कैंसर एक जानलेवा बीमारी हैं जिसके मामले युवाओं में तेजी से बढ़ रहे हैं। यह जिस अंग में पनपती है इसे उसी नाम से जाना जाता है। आज इस कड़ी में हम बात कर रहे हैं थायराइड कैंसर की जो थायरॉयड ग्रंथि के टीस्सू में घातक कोशिकाएं बनाती हैं। थायराइड आपके गले में तितली के आकार की एक ग्रंथि होती है जो शरीर में सबसे ज्यादा कई जरूरी हार्मोन बनाती है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में थायराइड कैंसर का खतरा ज्यादा देखने को मिल रहा हैं। कैंसर का इलाज बहुत जटिल माना जाता हैं, लेकिन समय रहते इसके लक्षणों की पहचान कर ली जाए तो इसका शिकार होने से बचा जा सकता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे लक्षण और प्रकार के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें नजरअंदाज करने की गलती नहीं करनी चाहिए क्योंकि ये थायराइड कैंसर का खतरा दर्शाते हैं। आइये जानते हैं थायराइड कैंसर के लक्षण और प्रकार।
थायराइड कैंसर के लक्षण
आवाज में बदलाव होना
थायराइड कैंसर होने पर आवाज में बदलाव होता है। आवाज भारी हो सकती है। कैंसर के कारण थायराइड हार्मोन में बदलाव का असर वोकल कॉड पर पड़ता है। आवाज धीमी या तेज हो सकती है। आवाज में खराश महसूस हो सकती है।
खाना निगलने में कठिनाई होना
थायराइड कैंसर के मरीज को कुछ भी खाने में कठिनाई महसूस होती है। कुछ मरीजों को सांस लेने के दौरान भी परेशानी होती है। जैसे-जैसे गर्दन में गांठ बढ़ी होती जाती है, आपको मुलायम चीजों को खाने में भी परेशानी हो सकती है।
गर्दन और गले में दर्द होना
थायराइड होने पर गर्दन में तेज दर्द हो सकता है। गर्दन और गले का दर्द कभी-कभी कानों तक भी पहुंच जाता है। थायराइड कैंसर के मरीजों में गर्दन, सामान्य से ज्यादा मोटी नजर आने लगती है। ऐसा अंदरूनी सूजन के कारण होता है।
लगातार खांसी की समस्या
खांसी जैसी आम समस्या को हम हल्के में ले लेते हैं। लेकिन लगातार आने वाली खांसी को हल्के में न लें। खांसी, थायराइड कैंसर का एक लक्षण हो सकता है। थायराइड कैंसर होने पर वजन बढ़ना, भूख में कमी, ज्यादा ठंड लगना आदि लक्षण भी नजर आ सकते हैं
गर्दन पर गांठ महसूस होना
थायराइड कैंसर होने पर गर्दन पर गांठ महसूस हो सकती है। गर्दन में लिम्फ नोड्स में सूजन आना भी थायराइड कैंसर का संकेत है। थायराइड कैंसर होने पर जो गांठ बनती है, वो सख्त होती है। इसका आकार भी बड़ा होता है। ये गांठ, एक या एक से ज्यादा भी हो सकती हैं।
थायराइड कैंसर के प्रकार
पैपिलरी थायराइड कैंसर
यह थायराइड कैंसर का सबसे आम प्रकार है जिसे पैपिलरी थायरॉयड कैंसर कहा जाता है। लगभग 80 प्रतिशत थायराइड कैंसर पैपिलरी प्रकार के होते हैं। यह प्रकार धीरे-धीरे बढ़ता है, गर्दन में लिम्फ नोड्स में फैलता है और अत्यधिक इलाज योग्य होता है। इस प्रकार का कैंसर किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है। यह ज्यादातर 30 साल से अधिक उम्र के लोगों को प्रभावित करता है। ये लगभग कभी घातक नहीं होते।
फोलिक्युलर थायराइड कैंसर
यह कैंसर थायरॉइड फॉलिक्युलर कोशिकाओं से उत्पन्न होता है और 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को प्रभावित करता है। लगभग 15 प्रतिशत तक थायराइड कैंसर इसी प्रकार के होते हैं। यह प्रकार हड्डियों, फेफड़ों आदि में तेजी से फैलता है और इसका इलाज करना बहुत मुश्किल होता है।
मेडुलरी थायरॉयड कैंसर सभी थायरॉयड कोशिकाओं को प्रभावित करता है। प्रारंभिक अवस्था में लगभग 4% मेडुलरी कैंसर की संभावना अधिक पाई जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह कैल्सीटोनिन नामक एक हार्मोन का उत्पादन करता है, जिसे रक्त परीक्षण में देखा जा सकता है। इस प्रकार वाले लोगों का पारिवारिक इतिहास समान होता है। सबसे आम कारण आनुवंशिक उत्परिवर्तन है। सभी थायरॉइड कैंसर में से 2 प्रतिशत इसी प्रकार के होते हैं।
एनाप्लास्टिक थायराइड कैंसर
एनाप्लास्टिक थायराइड कैंसर थायराइड कैंसर का सबसे गंभीर प्रकार है। यह शरीर के अन्य भागों में तेजी से फैलता है। यह बहुत ही दुर्लभ और इलाज के लिए बेहद मुश्किल है। सभी थायराइड कैंसर में से 2 प्रतिशत इसी प्रकार के होते हैं। इनके अलावा थायराइड लिम्फोमा, थायराइड सार्कोमा, आदि बहुत ही दुर्लभ प्रकार के थायराइड कैंसर हैं।