Ayurvedic Treatment: मानसिक विकार एंग्जायटी से है परेशान, तो इन जड़ी-बूटियों से करें उपचार

परेशानियां ज़िंदगी का एक हिस्सा बन गई हैं.

Update: 2021-10-07 15:06 GMT

नई दिल्ली,  परेशानियां ज़िंदगी का एक हिस्सा बन गई हैं जो साए की तरह साथ-साथ चलती रहती हैं। परेशानियां चिंता का सबब है। कोई आर्थिक तंगी से चिंता में हैं तो कोई स्वास्थ्य और रिश्तों को लेकर चिंता में है। सामान्य चिंता करना स्वभाविक है, लेकिन अत्यधिक चिंता मानसिक विकार का कारण बनने लगती है। चिंता जिसे अंग्रेजी में एंग्जायटी कहा जाता है यह सेहत को बेहद नुकसान पहुंचाती है। रोजाना चिंता में रहने से दिमाग में असंतुलन पैदा होता है जो आपके मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। आप भी एंग्जायटी का शिकार हैं तो उसका इलाज जड़ीबूटियों से करें। आयुर्वेदि में कुछ ऐसी जड़ी-बटियां मौजूद हैं जो एंग्जायटी का बेहतरीन उपचार करती हैं।

एंग्जायटी का इलाज करने के लिए जड़ीबूटियां
अश्वगंधा का करें सेवन:
अश्वगंधा मस्तिष्क की समस्या का बेहतरीन इलाज है। आप चिंता में अधिक रहते हैं तो अश्वगंधा का सेवन करें। इसके सेवन से इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग रहती है साथ ही कई बीमारियों का उपचार भी होता है। इस जड़ीबूटी का इस्तेमाल काढ़े या चूर्ण के रूप में कर सकते है।
मुलेठी का करें सेवन:
मुलेठी के गुणों की बात करें तो मुलेठी में कैल्शियम, ग्लीसिर्रहिजिक एसिड, एंटी ऑक्सिडेंट, एंटीबायोटिक और प्रोटीन जैसे तत्व पाए जाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। मस्तिष्क को शांत रखने में मुलेठी बेहद असरदार है। इसमें कुछ ऐसे गुण मौजूद होते है जो चिंता को कम करने में असरदार हैं। इतना ही नहीं मुलेठी के छोटे टुकड़े चूसने से खांसी, गले में खराश या कंठ रोगों की तमाम समस्यों से राहत मिल सकती है।
भृंगराज का सेवन करें:
भृंगराज एक ऐसी आयुर्वेदिक जड़ीबूटी है जो चिंता को दूर करने में बेहद असरदार है।
भृंगराज का उपयोग शरीर के अंदर और बाहर होने वाली अनेक प्रकार की बीमारियों के इलाज में किया जाता है। इसके सेवन से बालों के पकने, बालों के बढ़ने, लीवर, किडनी सहित पेट की कई बीमारियों का उपचार किया जाता है। भृंगराज की चाय पीने से शरीर को ऊर्जा मिलती है, साथ ही ब्लड सर्कुलेशन भी ठीक रहता है।


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