अधिक मीठा खाने से बचें , बिमारियों के साथ ही दिमाग के कार्य करने की क्षमता हो जाती है धीमी

Update: 2022-12-07 18:19 GMT
अधिक मीठा खाने से बचें , बिमारियों के साथ ही दिमाग के कार्य करने की क्षमता हो जाती है धीमी
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सभी को मीठा खाना और मिठाई पसंद रहती है पर क्या आप जानते हैं इससे कई बिमारियों के साथ ही दिमाग के काम करने की क्षमता भी प्रभावित होती है। आपने स्वयं देखा होगा कि कोई भी मीठी चीज खाने के बाद आपको आलस आने लगता है? हाल ही में हुई एक अध्ययन के अनुसार ज्यादा मीठा खाने के बाद हमारे शरीर पर असर दिखने लगता है जिससे हमारे दिमाग के कार्य करने की क्षमता धीमी हो जाती है।
इस अध्ययन में शामिल प्रतिभागियों ने प्रमाणित किया कि ग्लूकोज या टेबल शुगर का सेवन करने के बाद उनका ध्यान और प्रतिक्रिया का समय घट गया उन लोगों की तुलना में जिन्होंने फ्रूकटोज यानी फ्रूट शुगर या आर्टिफिशल स्वीटनर सूक्रालोज का सेवन किया।
अध्ययन के अनुसार शुगर कोमा जिसका संबंध ग्लूकोज से है एक ऐसी घटना है जो हकीकत में होती है। इस अवस्था में ग्लूकोज जिसमें चीनी की ज्यादा मात्रा होती है का सेवन करने के बाद उस व्यक्ति की सतर्कता घटने लगती है। खासतौर पर इस अध्ययन में इस बात की ओर केन्द्र किया गया कि चीनी के सेवन के बाद हमारे मस्तिष्क के काम करने की प्रवृत्ति में किस तरह का बदलाव होता है। इससे पहले हुए अध्ययन में इस बात को दिखाया गया था कि ग्लूकोज का शरीर के साथ ही मस्तिष्क पर भी सकारात्मक असर पड़ता है और इससे खासतौर पर हमारी याददाश्त बेहतर होती है हालांकि अब इस अध्ययन में पता चला है कि ज्यादा चीनी के सेवन से मस्तिष्क पर बुरा असर पड़ता है और दिमाग धीमा हो जाता है।




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