आखिर खैट पर्वत को परियों का देश क्यों कहा जाता है? जानिए इसके पीछे की कहानी
जानिए इसके पीछे की कहानी
सनातन काल से भारत की संस्कृति और अध्यात्म की चर्चा सिर्फ देश में ही नहीं, बल्कि दुनिया के हर कोने में सुनाई देती रहती है। उत्तर भारत के ऊंचे-ऊंचे और हसीन पहाड़ों में ऐसी कई रहस्यमयी जगहें हैं, जो बेहद ही अचंभित कर देती हैं।
उत्तराखंड के पहाड़ों ऐसी कई अनोखी जगहें हैं जिनके बारे में सुनने के बाद कई लोग कुछ देर के लिए चकित हो जाते हैं। उत्तराखंड के पहाड़ों में मौजूद खैट पर्वत के बारे में भी सुनने के बाद कई लोग चकित हो जाते हैं।
वैसे तो आपने दादी-नानी से परियों के देश की कहनी जरूर सुनी होगी। इस आर्टिकल में हम आपको परियों के देश के नाम से फेमस खैट पर्वत की रहस्यमयी कहानियों के बारे में बताने जा रहे हैं।
खैट पर्वत कहां है?
आपको बात दें कि खैट पर्वत उत्तराखंड में मौजूद है जिसे कई लोग परियों का देश के नाम से भी जानते हैं। परियों के देश के नाम से फेमस यह पर्वत टिहरी गढ़वाल में स्थित है। यह गढ़वाल इलाके में पड़ने वाले थात गांव से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
स्थानीय भाषा में कहा जाता है कि खैट में पर्वत आंछरी निवास करती हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गढ़वाली भाषा में आंछरी को परियां बोला जाता है।
खैट पर्वत की रहस्यमयी कहानियां?
समुद्र तल से लगभग 10 हजार से भी अधिक फीट की ऊंचाई पर मौजूद खैट पर्वत की रहस्यमयी कहानियां बेहद ही दिलचस्प है। कहा जाता है कि इस खैट पर्वत पर सनातन काल से परियां निवास करती हैं। कई लोगों का यह भी मानना है कि आज भी लोगों को अचानक से परियों के दर्शन हो जाते हैं। (सांपों से भरे एक रहस्यमयी आइलैंड की)
खैट पर्वत के बारे में एक अन्य रहस्यमयी कहानी है कि यहां साल के हर दिन फल और फूल खिलते रहते हैं, लेकिन यहां मौजूद फल और फूलों को दूसरी जगह ले जाने की कोशिश करता है वे तो तुरंत खराब हो जाते हैं।
खैट पर्वत की रहस्यमयी कहानियों के बारे में यह भी कहा जाता है कि यहां कुछ फल और फूल अपने आप ही पनपने लगते हैं। किंवदंती के अनुसार यहां 9 परियां रहती हैं।
क्या सच में रक्षा करती है परियां?
खैट पर्वत के बारे में माना जाता है कि यहां शक्तियों का वास है। स्थानीय लोगों के अनुसार पर्वत पर मौजूद परियों के वजह से आसपास का इलाका सुरक्षित रहता है। खैट पर्वत के पास मौजूद थात गांव से लगभग 5 किमी की दूरी पर खैटखाल मंदिर है। इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां रात के समय परियां आती हैं और सुबह होते ही पर्वत की तरफ चली जाती हैं। (भगवान शिव की दूसरी सबसे बड़ी मूर्ति)
सुंदरता से भरपूर है खैट पर्वत?
खूबसूरती के मामले में खैट पर्वत किसी जन्नत से कम नहीं है। परियों का देश के नाम से फेमस इस पर्वत की खूबसूरती परियों जैसी ही लगती है। चारों तरफ हरियाली, हजारों किस्म के फल और फूल इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाने का काम करते हैं। मानसून के समय इस जगह की खूबसूरती चरम पर होती है। यह पर्वत हर समय बादलों से ढका रहता है।
क्या सैलानी खैट पर्वत घूमने जा सकते हैं?
अब सवाल यह है कि क्या खैट पर्वत घूमने के लिए कोई जा सकता है? ऐसे में आपको बता दें कि खैट पर्वत के आसपास स्थित गांव या इलाकों में घूमने के लिए जा सकते हैं, लेकिन पर्वत की सबसे उंची चोटी पर चढ़ाई करना बेहद ही मुश्किल है। यहां स्थित पहाड़ इतने खतरनाक है कि अकेले को भी जाने की हिम्मत नहीं करता है। खासकर, मानसून के समय में खैट पर्वत पर जाना मौत को गले लगाने के बराबर होता है।