कुत्ते काटने से तुरंत अपनाएं ये प्राथमिक उपचार
कुत्ते के काटने पर कभी भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए अन्यथा आप रेबीज का शिकार हो सकते हैं। रेबीज को हाइड्रोफोबिया भी कहा जाता है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कुत्ते के काटने पर कभी भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए अन्यथा आप रेबीज का शिकार हो सकते हैं। रेबीज को हाइड्रोफोबिया भी कहा जाता है। यह पशुओं से फैलने वाला वायरल जूनोटिक इन्फेक्शन है। इससे इनकेफोलाइटिस जैसा उपद्रव होता है, जो निश्चित रूप से चिकित्सा न किए जाने पर घातक होता है।
तुरंत करें ये 3 काम गाजियाबाद स्थित मॉर्डन डॉग क्लिनिक डॉक्टर विक्रम सिंह वर्मा के अनुसार, कुत्ते के काटने के बाद सबसे पहले अगर आवश्यक है पीड़ित को तो तुरंत मेडिकल हेल्प दी जाए। अगर खून ज्यादा बह रहा है, तो उसी समय एम्बुलेंस के लिए कॉल करें।
(1) कटे हुए घाव पर भूलकर भी कपड़ा ना बांधे। घाव खुला रखें। (2) घाव वाले हिस्से को साबुन से धोएं। (3) 24 घंटे के अंदर डॉक्टर को दिखाएं और इन्फेक्शन से बचने के लिए पहला इंजेक्शन लगाएं।
सबसे जरूरी बात अगर संभव हो तो पता लगाने की कोशिश करें कि रेबीज वाले कुत्ते ने तो नहीं काटा है। क्योंकि रेबीज वाले कुत्ते के काटने से आप भी रेबीज का शिकार हो सकते हैं।
कुत्तों में रेबीज के लक्षण- जब कुत्ते में छेड़खानी के बिना अपने आप झपटने और काटने की आदत आ जाए। कुत्ता लकड़ी, घास या अन्य वस्तुओं को भी काटने लगता है। अधिक हिंसक होना-घर से भागना और जो भी रास्ते में सामने आए, उसे काटना। कुत्ता फटी सी आवाज में भौंकता है अर्थात् उसकी पहले वाली आवाज बदल जाती है।
अगर आपको रेबीज वाले कुत्ते ने नहीं काटा है, तो डॉक्टर आपके इलाज के लिए इन टीकों की सलाह दे सकता है। मामूली खरोंच के लिए टीका लगवाना सबसे प्रभावी है। अगर कुत्ते ने गहरा काटा है, तो एंटी-रेबीज इम्युनोग्लोबुलिन जरूरी है। ज्यादातर मामलों में डॉक्टर टांकें लगाने से बचते हैं, इससे दूसरे अंग प्रभावित हो सकते हैं।
अगर पालतू कुत्ते ने काटा है तो तीन टीके लगाने होते हैं। यानि पहला टीका कुत्ते के काटने के एक दिन बाद, दूसरा तीन दिन बाद और तीसरा सात दिन बाद। अगर आवारा कुत्ते ने काटा है, तो आपको तीसरे टीके के बाद एक हफ्ते के अंतराल में पांच से सात टीके लगवाने होंगे। हल्की खरोंच के मामले में आपको कम से कम तीन टीके लगवाने होंगे।