शरीर के इन अंगों को मजबूत करता है एक्यूप्रेशर पॉइंट

एक्यूप्रेशर और एक्यूपंक्वर पद्वति प्राकृतिक चिकित्सा का ही एक हिस्सा हैं

Update: 2021-05-03 10:50 GMT

जनता से रिश्ता वेबड़ेस्क | एक्यूप्रेशर और एक्यूपंक्वर पद्वति प्राकृतिक चिकित्सा का ही एक हिस्सा हैं. इन दोनों ही पद्वतियों में हमारे हाथों और पैरों के उन पॉइंट्स को दबाया जाता है, जिनका संबन्ध शरीर के तमाम अंगों से होता है. इन पॉइंट्स को दबाकर तमाम समस्याओं को दूर किया जा सकता है. एक्यूप्रेशर और एक्यूपंक्वर में फर्क सिर्फ इतना है कि एक्यूप्रेशर में उन पॉइंट को हाथ से दबाकर या किसी उपकरण से दबाकर प्रेशर दिया जाता है, वहीं एक्यूपंक्चर में उन पॉइंट्स पर सुई चुभोई जाती है.

आजकल कोरोना महामारी के दौरान इम्युनिटी और फेफड़ों को मजबूत करने के लिए लोग काफी प्रयास कर रहे हैं. आप भी इन पॉइंट्स को दबाकर अपने शरीर के तमाम अंगों को मजबूत कर सकते हैं और उन्हें कई समस्याओं से बचा सकते हैं. यहां जानिए शरीर के विभिन्न अंगों से जुड़े एक्यूप्रेशर पॉइंट्स के बारे में.
फेफड़ों और इम्युनिटी के लिए
हथेली के बीचों-बीच बने पॉइंट को रोजाना करीब दो से तीन मिनट दबाने से फेफड़े मजबूत होते हैं और इससे जुड़ी तमाम समस्याओं में आराम मिलता है. इससे अस्थमा और ब्रोन्काइटिस के खतरे को कम किया जा सकता है. इसके अलावा इस पॉइंट को दबाने से इम्युनिटी भी मजबूत होती है.

किडनी के लिए
अपनी सबसे छोटी अंगुली के पोर वाले हिस्से पर किडनी का पॉइंट होता है. इसे दबाकर किडनी की समस्याओं से बचा जा सकता है.
हाई बीपी के लिए
हाई ब्लडप्रेशर को कंट्रोल करने के लिए रिंग फिंगर के पोर वाले हिस्से को दबाएं. इससे हाई बीपी की समस्या नियंत्रित रहेगी, साथ ही हार्ट संबन्धी समस्याओं का रिस्क भी घटेगा.
आंखों के लिए
अंगूठे के बाद वाली तर्जनी अंगुली के ठीक नीचे वाले पॉइंट को दबाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है.

पेनक्रियाज के लिए
पेनक्रियाज संबन्धी समस्या है तो सबसे छोटी और अनामिका अंगुली यानी रिंग फिंगर, दोनों के बीच ठीक दो अंगुल नीचे का पॉइंट दबाने से राहत मिलती है.
साइनस, दांत और अल्सर
साइनस, दांत और अल्सर की समस्या में राहत पाने के लिए तर्जनी अंगुली के पोर वाले हिस्से को दबाएं. इससे काफी आराम मिलता है.
थायरॉइड के लिए
यदि थायरॉइड की समस्या है तो रोजाना अंगूठे के नीचे वाले पॉइंट को करीब पांच मिनट तक दबाएं. इससे काफी आाराम मिलेगा. इससे थायरॉइड हार्मोंस संतुलित रहता है.


Tags:    

Similar News

-->